राजस्थान हाई कोर्ट ने शनिवार को स्वंयभू धर्मगुरु आसाराम को गांधीनगर जाने की इजाजत नहीं दी, जहां की एक अदालत उनके खिलाफ कथित रेप मामले में आरोप तय करने के लिए उनका इंतजार कर रही है.
अतिरिक्त जिला एवं सत्र अदालत ने आरोप तय करने के लिए आसाराम को गांधीनगर भेजने की इजाजत मांगने वाला जोधपुर जेल प्रशासन का आवेदन रद्द कर दिया था. इसके बाद स्वंयभू धर्मगुरु ने 26 जून को हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. अतिरिक्त महाधिवक्ता राजेश पंवार ने इस संबंध में दायर आसाराम की याचिका की आधिकारिता पर सवाल खड़ा किया था.
'याचिका का अधिकार नहीं'
पंवार ने दलील दी, 'याचिका आसाराम ने दायर की जिनको इस तरह की याचिका दायर करने का कोई अधिकार नहीं है. सिर्फ संबंधित अदालत आसाराम को वहां पेश करने की इजाजत देने की याचिका ले कर आ सकती है और वह भी पेशी वारंट के मार्फत.' उन्होंने यह भी दलील दी कि राजस्थान हाई कोर्ट के निर्देशों पर मामले की सुनवाई रोजाना के आधार पर हो रही है और गांधीनगर जाने की उनको इजाजत देने से जोधपुर के मामले में सुनवाई बाधित होगी.
इन दलीलों को सुनने के बाद जज जीके व्यास ने आसाराम की याचिका खारिज कर दी.
-इनपुट भाषा से