राजस्थान हाई कोर्ट के जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस अभय चतुर्वेदी की खंडपीठ में एक मामले की सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओम प्रकाश सिंह को आगामी 4 सितंबर को खंडपीठ के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के आदेश दिया है. ऐसा नहीं करने पर उत्तर प्रदेश के होम प्रिंसिपल सेक्रेट्री को कोर्ट के समक्ष पेश होने के आदेश दिया. साथ ही प्रिंसिपल सेक्रेट्री होम के नाम कोर्ट ने समन जारी किया.
अंतरिम जमानत मिलने के बाद एक मामले में आरोपी लोकेंद्र व अन्य साल 2007 से फरार है. लंबे समय से उत्तर प्रदेश पुलिस ने ना तो आरोपियों को गिरफ्तार किया और ना ही कोई कार्रवाई की तथ्यात्मक रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष पेश की गई. इसके अलावा नियत तिथि पर सुनवाई के दौरान मामले की फाइल भी राजस्थान हाई कोर्ट से गायब हो गई.
इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए हाई कोर्ट के जस्टिस संदीप मेहता व जस्टिस अभय चतुर्वेदी की खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश के डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (डीजीपी) को आगामी सुनवाई 4 सितंबर को खंडपीठ के समक्ष पेश होकर मामले की प्रगति रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिया है.
हाई कोर्ट ने डीजीपी के कोर्ट में पेश नहीं होने की स्थिति में समन की पालना करने के आदेश होम प्रिंसिपल सेक्रेट्री उत्तर प्रदेश को करने के आदेश दिया है. साथ ही राजकीय अधिवक्ता अनिल जोशी को आदेश दिया कि इस आदेश की कॉपी ईमेल, फैक्स और रेगुलर प्रोसेस के जरिए डीजीपी उत्तर प्रदेश, होम प्रिंसिपल सेक्रेट्री उत्तर प्रदेश को भेजे.