राजस्थान के जालौर जिले में तैनात पुलिस इंस्पेक्टर रामस्वरूप चौधरी की शनिवार की रात मौत हो गई थी. रहस्यमयी स्थिति में हुई इंस्पेक्टर की मौत का कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दम घुटना बताया गया है.
आशंका जताई जा रही है कि इंस्पेक्टर ने रात के समय अपने आधिकारिक कक्ष में बीड़ी जलाई होगी, जिससे उनके बिस्तर में आग लग गई होगी. इसी से धुंए के कारण दम घुटने से उनकी मौत हुई होगी.
बताया जाता है कि बाडमेर के निवासी रामस्वरूप चौधरी जालौर की स्पेशल इन्वेस्टिगेटिंग यूनिट क्राइम अगेंस्ट वूमन सेल में इंस्पेक्टर के पद पर तैनात थे. शनिवार की रात वह अपने आधिकारिक कक्ष में ही थे.
कमरे में लग गई थी आग
पुलिस की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक यह मुमकिन है कि शनिवार को रात के समय रामस्वरूप चौधरी ने बीड़ी जलाई हो और इसके बाद वह सो गए हों. रात के समय बीड़ी से बिस्तर में आग लग गई हो. आग ने विकराल रूप ले लिया. देर रात रामस्वरूप चौधरी का साथी कमरे के बाहर पहुंचा और उसने धुआं देखकर इसकी जानकारी अन्य साथियों को दी.
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सूचना पाकर मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मियों ने कमरे से बाहर निकाल कर इंस्पेक्टर रामस्वरूप को उपचार के लिए तत्काल राजकीय अस्पताल पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
बताया जाता है कि रामस्वरूप के पैर काफी झुलस गए थे. पुलिस के मुताबिक इस पूरे मामले की जांच में एफएसएल टीम का सहयोग लिया जा रहा है. एफएसएल टीम ने मौके पर जाकर सैंपल एकत्रित किए. हालांकि पुलिस ने इस मामले में किसी प्रकार के फाउल प्ले की संभावना को खारिज कर दिया है.
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मौत के कारणों की जांच जारी
इस संबंध में जालौर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) हिम्मत अभिलाष टाक ने आजतक से बात करते हुए कहा कि अभी तो जांच चल रही है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दम घुटने से मौत की बात कही गई है. उन्होंने कहा कि फाउल प्ले कुछ नहीं लग रहा. जांच में एफएसएल टीम का भी सहयोग लिया जा रहा है.
इससे पहले इंस्पेक्टर रामस्वरूप चौधरी का शव पोस्टमार्टम के बाद पुलिस लाइन लाया गया, जहां पुलिस उपाअधीक्षक जयदेव सियाग, एएसपी सत्येंद्र पाल सिंह, एसडीएम चंपालाल जीनगर, जिलाधिकारी हिमांशु गुप्ता समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों ने श्रद्धांजलि दी. 47 वर्षीय रामस्वरूप का दाह संस्कार बाड़मेर के धनाऊ में किया गया. उनकी पत्नी अध्यापक हैं.