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राजस्थान: डेंगू की रोकथाम के लिए ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग और सैंपलिंग के निर्देश

राजस्थान में डेंगू के प्रकोप को लेकर तैयारियां तेज कर दी गई हैं. राज्य के  चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने राज्य में मौसमी बीमारियों और डेंगू की रोकथाम के लिए ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग और सैंपलिंग के निर्देश दिए हैं.

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Dengue
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स्टोरी हाइलाइट्स
  • राजस्थान में डेंगू की रोकथाम की तैयारी
  • डेंगू के लिए टेस्टिंग और सैंपलिंग के निर्देश

राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने राज्य में मौसमी बीमारियों और डेंगू की रोकथाम के लिए ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग और सैंपलिंग के निर्देश दिए हैं. उन्होंने टेस्टिंग किट्स और दवाओं की उपलब्धता, प्रभावित क्षेत्रों में डोर टू डोर सर्वे, एंटीलार्वा और आईईसी गतिविधियां के प्रभावी क्रियान्वयन के भी निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि मरीजों की संख्या अधिक होने पर संबंधित क्षेत्रों के चिकित्सा संस्थानों में आवश्यकता के अनुसार बैड उपलब्ध करवाए जाएंगे.

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डॉ. शर्मा शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चिकित्सा विभाग के अधिकारियों के साथ मौसमी बीमारियों, कोरोना वैक्सीनेशन व जांच तथा अन्य विषयों पर विभागीय तैयारियों की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे. उन्होंने कहा कि टेस्टिंग बढ़ाने से मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी जरूर होगी. इससे घबराएं नहीं, जितनी ज्यादा टेंस्टिंग होगी उतनी ही जल्दी मरीजों की पहचान कर उनका इलाज प्रारंभ किया जा सकेगा. 

डॉ. शर्मा ने कहा कि प्रदेश में मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी के चलते विभाग को पूरी तरह अलर्ट मोड पर रहना होगा. उन्होंने अधिकारियों को प्रभावित जिलों में स्थानीय निकाय के साथ समन्वय स्थापित कर फोगिंग, फोकल स्प्रे, लार्वा प्रदर्शन और मच्छरदानी वितरण के भी निर्देश दिए. उन्होंने सभी जिलों में स्थापित कंट्रोल रूम और रैपिड रेस्पॉन्स टीमों के प्रभावी मॉनिटरिंग के भी निर्देश दिए. 

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स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि प्रदेश में 2 करोड़ से ज्यादा लोगों को कोविड वैक्सीन की दूसरी डोज भी लगाई जा चुकी हैं लेकिन यह आंकड़ा पर्याप्त नहीं है. विश्व स्वास्थ्य संगठन और विशेषज्ञों के अनुसार दोनों डोज लगवाकर ही हम कोरोना से लड़ने की प्रतिरोधात्मक क्षमता विकसित कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि प्रदेश में 82.5 प्रतिशत लोगों को वैक्सीन का पहली और 46.8 प्रतिशत लोगों को दोनों डोज लगाई जा चुकी हैं. उन्होंने कहा कि कोविड वैक्सीन के बाद लोगों में बनी एंटीबॉडी को जांचने के लिए प्रदेश के 14 जिलों का चयन कर सीरो संर्विलांस किया जा रहा है. 

चिकित्सा मंत्री ने कोविड टीकाकरण, कोविड सैंपलिंग, प्रशासन गांवों व शहरों के संग अभियान में चिकित्सा विभाग के कार्यों की विस्तार से समीक्षा की. उन्होंने 14 नवंबर से प्रारंभ होने वाले मुख्यमंत्री निरोगी राजस्थान, चिरंजीवी शिविर, शुद्ध के लिए युद्ध, मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के रजिस्ट्रेशन की प्रगति, चिंरजीवी मित्र नियोजित करने, सीरो सर्वे सहित कई विषयों की समीक्षा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.

 

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