जांच रिपोर्ट में ऑक्सीजन के सेंट्रलाइज्ड सिस्टम के बिना सिलेंडर से ऑक्सीजन दिए जाने का मामला भी सामने आया है. इस सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री रघुशर्मा ने कहा कि कोटा के इस अस्पताल के लिए जितनी रकम आवंटित हुई थी उसे पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने डायवर्ट कर अपने चुनाव क्षेत्र झालावाड़ के अस्पताल को दे दिया. इसी वजह से वहां पर पाइपों से ऑक्सीजन की व्यवस्था नहीं हो पाई और हम जल्दी पैसा आवंटित कर इसकी व्यवस्था करेंगे.
एक बेड पर तीन-तीन बच्चों के रहने के सवाल का जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकारी अस्पताल में सुविधाएं सीमित हैं. ऐसे में कोई बच्चा क्रिटिकल स्थिति में अस्पताल में आ जाता है तो उसे हम लौटा नहीं सकते. मौजूदा संसाधन में ही उसका इलाज हमें करना पड़ेगा. इस वजह से ऐसी स्थिति बनती है. वहां भी हम लगातार बेड की संख्या बढ़ा रहे हैं.
'बीजेपी मौत पर कर रही राजनीति'
बच्चों की मौत को लेकर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बीजेपी इस मामले में राजनीति कर रही है. जिस तरह से नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक एजेंसी (एनआरसी) के मसले पर देश भर में हंगामा मचा है उसे कम करने के लिए रोजाना एक टीम भेज देती है. बीजेपी शासित राज्यों के अस्पतालों में बच्चों के मौत का ऑडिट कराएं तो इनकी असलियत सामने आ जाएगी.
स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि राजस्थान में हर साल 18 लाख पैदा लेते हैं जिसमें से 10 लाख बच्चे क्रिटिकल होते हैं. अगर हमारी स्वास्थ्य सेवाएं अच्छी नहीं होतीं तो हम इतनी बड़ी संख्या में बच्चों को कैसे बचा पाते. खुद केंद्र सरकार ने राजस्थान को स्वास्थ्य के मामले में नंबर वन बताया है.
'बीजेपी से सीखने की जरूरत नहीं'
स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि बीजेपी राजनीति करने के लिए रोज कभी राज्य सरकार की तो कभी केंद्र सरकार की टीमें अस्पताल में भेज रही है. वे सब मीडिया में सुर्खियां पाने के लिए डॉक्टरों से आईसीयू में घुसकर झगड़ रहे हैं. जिसकी वजह से इंफेक्शन फैलने का खतरा बढ़ रहा है. हमें या हमारे नेता को अस्पताल कब जाना है, यह हमें बीजेपी से नहीं सीखना है. हम यहां बैठकर उनसे विरासत में मिले खराब स्थिति को ठीक करने में लगे हुए हैं.