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सियासी पतंगबाजी: पायलट ने कार्यकर्ताओं के सम्मान की मांग उठाई, पूनिया ने वसुंधरा पर साधा निशाना

मकर सक्रांति के मौके पर राजस्थान में कांग्रेस और बीजेपी में सियासी पतंगबाजी खूब हो रही है. सचिन पायलट ने एक बार फिर कार्यकर्ता को सम्मान की बात उठाई तो बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने इशारों-इशारों में वसुंधरा राजे पर निशाना साधा.

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सचिन पायलट और सतीश पूनिया
सचिन पायलट और सतीश पूनिया
स्टोरी हाइलाइट्स
  • राजस्थान में मकर सक्रांति के मौके पर पतंगबाजी
  • सचिन पायलट ने राजनीतिक नियुक्तियों की मांग उठाई
  • सतीश पूनिया के निशाने पर आईं वसुंधरा राजे

मकर सक्रांति के मौके पर राजस्थान में सियासी पतंगबाजी खूब हो रही है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया अपने घर की छत बस सुबह से पतंगें उड़ा रहे हैं और साथ ही सियासी पेच लड़ा रहे हैं. सतीश पूनिया ने कहा कि वो पुराने पतंगबाज हैं जो भी उनके रास्ते में आएगा उसकी पतंगें कट जाएंगी.

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वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस नेता और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट भी पार्टी कार्यकर्ता राजेश चौधरी की छत से पतंग उड़ाते हुए एक बार फिर कहा कि कांग्रेस को यह नहीं भूलना चाहिए कि हम 21 सीट पर आ गए थे. कार्यकर्ताओं के खून पसीने की वजह से पूर्ण बहुमत की सरकार बनी है. इसलिए सरकार में संघर्ष करने वाले कार्यकर्ताओं की भागीदारी सुनिश्चित होनी चाहिए.

कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल के राजस्थान दौरे पर पहुंचने पर सचिन पायलट ने कहा कि वेणुगोपाल हमारे राज्यसभा के सांसद हैं, उनसे मैंने कई मुद्दों पर बात की है. पायलट ने कहा कि केंद्र से राज्यों को जो हिस्सा नहीं मिल रहा वह मुद्दा राज्यसभा में उठाया जाएगा. वेणुगोपाल के साथ संगठनात्मक मुद्दों पर चर्चा हुई है. राजस्थान के सियासी मसलों के लिए जो कमेटी बनायी गई है. उनके निर्णयों को जल्द लागू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि राजस्थान में पीसीसी की टीम छोटी, लेकिन संतुलित टीम बनाई गई है. 

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पायलट ने कहा कि राजस्थान सरकार की राजनीतिक नियुक्तियां जनवरी के महीने में होनी है. एक समय हमारे 21 विधायक रह गए थे, यह बात हमें नहीं भूलना चाहिए. ऐसे में जिन कार्यकर्ता ने दिन रात मेहनत कर पार्टी को सत्ता में लेकर आए उनको सम्मानित करने का समय है. ऐसे में हमें अपने पुराने कार्यकर्ता को राजनीतिक नियुक्तियों के समय नहीं भूलना चाहिए. 

विधानसभा में सदाचार कमेटी बनाए जाने के सवाल पर पायलट ने कहा यह सतत प्रक्रिया है. आप इसके बारे में ज्यादा आकलन कर रहे हैं, कांग्रेस को क्षेत्रीय तौर पर मजबूत होना होगा और जल्द ही कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव होना है. हम सब की यही राय है राहुल गांधी पार्टी का नेतृत्व करें. साथ ही सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर किसानों की प्रतिक्रिया का स्वागत करते हुए सचिन पायलट ने कहा कि सरकार को अपनी जिद छोड़ कर किसानों की मांग मानी चाहिए. कोर्ट के निर्णय पर मैं कोई कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता, मगर जो कमेटी पर सवाल उठाए गए हैं वह महत्वपूर्ण है.  

व्हाट्सएप विवाद को लेकर पायलट ने कहा कि यह बहुत ही अहम विवाद है. दुनिया भर में प्राइवेसी को लेकर सवाल उठ रहे हैं प्राइवेसी बहुत महत्वपूर्ण विषय है. पूरी दुनिया के लिए व्हाट्सएप जैसी इतनी बड़ी कंपनी जिसमें लोग फेथ करते हैं उसे पारदर्शिता दिखानी चाहिए अन्यथा सवाल खड़े होंगे.

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वहीं, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया मकर सक्रांति के मौके पर पतंगबाजी करते हुए अपने विरोधियों पर निशाना साधने से नहीं चूके. BJP की अंदरुनी झगड़े पर सतीश पूनिया ने कहा कि वह एक किसान परिवार से आते हैं. कौन क्या कर रहा है उससे कोई मतलब नहीं रखते हुए पार्टी के काम को तीन साल बाद राजस्थान के आसमान में उड़ाना है.

वसुंधरा राजे का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि राजस्थान में एक परंपरा डल गई है कि एक बार कांग्रेस तो दूसरी बार बीजेपी. इस बार ऐसी सरकार बनाएंगे कि फिर कभी कांग्रेस सत्ता में नहीं आएगी. सतीश पूनिया ने कहा कि कांग्रेस के पास बताने के लिए कुछ भी नहीं है और राजस्थान में फेल हो चुकी है. उन्होंने कहा कि फिलहाल कि सबसे बड़ी चुनौती 90 निकाय चुनाव में जीत दर्ज करना और विधानसभा उपचुनाव में जितना ही हमारा लक्ष्य है. 

बता दें कि वसुंधरा राजे के निष्क्रियता के बाद सतीश पूनिया लगातार कोशिश करने में लग रहे हैं कि किसी भी तरह से बीजेपी के अलग-अलग गुट को एक साथ पार्टी के मंच लाया जाय. हाल ही में पूनिया ने वसुंधरा गुट के लोगों को भी काम बांटना शुरू कर दिया है, लेकिन सतीश पूनिया जैसे पहली बार के विधायक के लिए सभी नेताओं को साथ लेकर चलना आसान नहीं है. 

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