scorecardresearch
 

मिलिए राजस्थान सरकार के गौ रक्षा मंत्री ओटाराम देवासी से

किसी चरवाहे की तरह वेशभूषा, सफेद कपड़े, लाल पगड़ी, कानों में कुंडल और हाथों में लाठी लिए एक शख्स आजकल हर रोज राजस्थान के एक मंत्रालय  के दफ्तर में घूमते और काम करते हुए देखा जा सकता है. ये और कोई नहीं बल्कि देश के पहले गौ रक्षा मंत्री ओटाराम देवासी हैं. ओटाराम राजस्थान सरकार में गौ रक्षा मामलों के मंत्री हैं. देश में पहली बार किसी राज्य सरकार ने गौ रक्षा मामलों की देखरेख करने के लिए एक मंत्रालय बनाया है.

Advertisement
X

किसी चरवाहे की तरह वेशभूषा, सफेद कपड़े, लाल पगड़ी, कानों में कुंडल और हाथों में लाठी लिए एक शख्स आजकल हर रोज राजस्थान के एक मंत्रालय  के दफ्तर में घूमते और काम करते हुए देखा जा सकता है. ये और कोई नहीं बल्कि देश के पहले गौ रक्षा मंत्री ओटाराम देवासी हैं. ओटाराम राजस्थान सरकार में गौ रक्षा मामलों के मंत्री हैं. देश में पहली बार किसी राज्य सरकार ने गौ रक्षा मामलों की देखरेख करने के लिए एक मंत्रालय बनाया है.

Advertisement

ओटाराम गौ रक्षा मंत्री बनने से खुद को गौरवान्वित महसूस करते हैं. खुद को 'गौपालन मंत्री' कहने वाले ओटाराम खुद भी करीब 25 गायों के मालिक हैं. राज्य की वसुंधरा राजे सरकार ने अक्टूबर 2014 में ओटाराम को गौ रक्षा के साथ साथ डेयरी और देवस्थान मामलों की देखरेख का जिम्मा सौंपा. अपने तीन महीने के कार्यकाल में ओटाराम अपने काम को लेकर बेहद गंभीर देखे गए हैं. ओटाराम का कहना है कि उन्हें गाय की रक्षा का काम सौंपा गया है जिसके लिए वो खुद को बेहद भाग्यशाली समझते हैं.

ओटाराम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात के लिए समय लिया है. ओटाराम ने बताया कि वो प्रधानमंत्री से मिलकर केंद्र और अन्य राज्यों में भी गौ रक्षा मंत्रालय बनाए जाने की सिफारिश करेंगे जिससे पूरे देश में गौ हत्या किए जाने पर रोक लगाई जा सके.

Advertisement

ओटाराम के मुताबिक फिलहाल राज्य में हो रही जानवरों की तस्करी, जानवरों के लिए एंबुलेंस सेवा और बीकानेर के पास एक गौशाला बनाना उनकी पहली प्राथमिकता है. गौरतलब है कि राज्य की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने विधानसभा चुनाव के पहले अपने चुनावी मेनिफेस्टो में गाय की रक्षा के लिए एक अलग मंत्रालय बनाने का वादा किया था.

Advertisement
Advertisement