राजस्थान में नगर निगम चुनाव के नतीजे आ गए हैं. कांग्रेस को बड़ी राहत मिलती दिख रही है तो बीजेपी ने भी अपनी लाज बचा ली है. सबसे ज्यादा चौंकाने वाले नतीजे कोटा के रहे. यहां पर कोटा दक्षिण में कांटे का मुकाबला रहा है. किसी को भी बहुमत नहीं मिला.
जयपुर में परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास, सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी, विधायक अमीन कागजी और विधायक रफीक खानसब मिलकर भी कांग्रेस को बहुमत नहीं दिला पाए. उम्मीद की जा रही थी कम से कम नगर निगम हेरिटेज में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिलेगा, लेकिन यहां उसे 47 सीटें ही मिलीं, जबकि बीजेपी को 42 सीटें मिलीं. वहीं 11 निर्दलीय जीतने में सफल रहे.
हालांकि, निर्दलीयों के आधार पर कांग्रेस का मेयर बन जाएगा, लेकिन जिस तरह से परिसीमन कर अल्पसंख्यक वार्ड बनाए गए थे और ऐसे में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत नहीं मिलना उसके लिए चिंता का विषय है.
दूसरी तरफ, बीजेपी ने जयपुर ग्रेटर नगर निगम में जबरदस्त जीत हासिल की है. 150 सीटों वाली नगर निगम में उसे 80 से ज्यादा सीटों पर जीत मिली और पूर्ण बहुमत हासिल किया. यहां बीजेपी को 83, कांग्रेस को 45 सीटों पर जीत मिली, जबकि 13 निर्दलीय जीतने में सफल रहे.
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जोधपुर में मामला बराबरी का रहा
वहीं, जोधपुर में मामला बराबरी का रहा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रभाव वाले इलाके जोधपुर उत्तर में कांग्रेस का बोर्ड बनना तय हो गया है. जोधपुर उत्तर में कांग्रेस को 53 सीटें मिली हैं, जबकि बीजेपी को 19 सीटों से संतोष करना पड़ा है और 8 निर्दलीय जीते. जोधपुर दक्षिण में बीजेपी को 46 सीटें मिली हैं, जबकि कांग्रेस को 29 सीटों पर जीत मिली है.
चौंकाने वाले रहे कोटा के नतीजे
सबसे ज्यादा चौंकाने वाले नतीजे कोटा के रहे. शहरी विकास मंत्री शांति धारीवाल ने कोटा उत्तर में बीजेपी का सूपड़ा साफ कर दिया है तो लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के इलाके कोटा दक्षिण में बीजेपी और कांग्रेस को 36 सीटें मिलीं. और अब मेयर का फैसला आठ निर्दलीयों के हाथों में है.