पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने राजस्थान टेप मामले को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की. इसमें माकन ने कहा कि जिन लोगों के नाम एफआईआर में हैं, वे पुलिस की जांच में सहयोग क्यों नहीं दे रहे हैं. एसओजी की टीम को वॉयस सैंपल क्यों नहीं लेने दिया जा रहा है.
अजय माकन ने कहा, फोन टैपिंग मामले में सीबीआई जांच की धमकी देकर केंद्र सरकार राजस्थान सरकार की आगे की जांच रोकना चाहती है. माकन ने कहा, क्या भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को यह नहीं बताना चाहिए कि इतना काला धन (विधायकों की खरीद-फरोख्त में) कहां से आ रहा है. राजस्थान मामले में अगर केंद्र सकार की कोई भूमिका नहीं है तो केंद्रीय मंत्री जांच में हिस्सा क्यों नहीं ले रहे हैं.
माकन ने कहा, क्या सीबीआई जांच की धमकी इसलिए दी जा रही है कि इसमें और भी बड़े नेता शामिल हैं. माकन ने कहा, सीबीआई की धमकी देना बंद करें. एसओजी की टीम को दिल्ली में रोका गया है. एसओजी गजेंद्र सिंह, भंवर लाल और विश्वेंद्र सिंह के सैंपल लेने गई थी.
अजय माकन ने कहा, गजेंद्र सिंह शेखावत को कोई मोरल अथॉरिटी नहीं है जो अपने पद पर बने रहें. उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए. उन्हें जांच में सहयोग देना चाहिए और वॉयस सैंपल देना चाहिए. दिल्ली पुलिस एसओजी को गजेंद्र सिंह और विश्वेंद्र सिंह के वॉयस सैंपल लेने से रोक रही है. गजेंद्र सिंह अगर कोई और है तो वे सैंपल देने से क्यों डर रहे हैं. दिल्ली पुलिस सैंपल लेने से रोक रही है.
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राजस्थान में फ्लोर टेस्ट के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में माकन ने कहा, यह सरकार को फैसला लेना है. अशोक गहलोत ने अपने काम में किसी प्रकार के नियमों को नहीं तोड़ा है और उन्होंने हर नियम का पालन किया है. फ्लोर टेस्ट पर वे ही फैसला लेंगे. माकन ने कहा कि बीजेपी की पूरी रणनीति लोगों के सामने उजागर हो गई है.
अजय माकन ने कहा, जब केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का नाम एफआईआर में है, जब उनकी आवाज ऑडियो टेप में है तो वे मंत्री पद पर क्यों बने हुए हैं. कांग्रेस यह मांग करती है कि वे अपना पद छोड़ें या सरकार उन्हें हटाए ताकि वे जांच को प्रभावित न कर सकें. अगर उन्हें लगता है कि टेप में उनकी आवाज नहीं है तो वे जांच होने तक अपना पद छोड़ें.
अजय माकन ने इस मामले में पांच सवाल पूछे-
1. जब गजेंद्र शेखावत, केंद्रीय मंत्री द्वारा यह कहा गया कि तथाकथित ऑडियो टेप में आवाज उनकी नहीं तो फिर गजेंद्र सिंह शेखावत सामने आकर अपना वॉयस सैंपल देने से इनकार क्यों कर रहे हैं? ऐसे में भ्रष्टाचार निरोधक कानून में मामला दर्ज होने के बाद गजेंद्र सिंह शेखावत को अपने पद से बर्खास्त क्यों नहीं किया जा रहा? क्या यह प्रधानमंत्री का राजधर्म नहीं कि जांच पूरी होने तक गजेंद्र सिंह शेखावत को पदमुक्त करें, ताकि वो जांच पर प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से प्रभाव न डाल पाएं?
2. भाजपा की हरियाणा और दिल्ली की पुलिस, गजेंद्र सिंह शेखावत, भंवर लाल शर्मा व विश्वेंद्र सिंह के वॉयस सैंपल लेने से क्यों रोक रही है? अगर ये तीनों दोषी नहीं, तो सामने आकर वॉईस सैंपल देने में क्या खतरा है?
3.क्या केंद्रीय भाजपा सरकार सीबीआई की धमकी इसलिए दे रही है कि विधायक खरीद घोटाले के तार में अन्य कई आला पदों पर बैठे केंद्र सरकार के लोग शामिल हैं व निष्पक्ष जांच उनका चेहरा बेनकाब कर देगी?
4. क्या देश को विश्वास में नहीं लेना चाहिए कि काला धन कहां से आ रहा है, यह काला धन कौन मुहैया करवा रहा है, हवाला से कैसे ट्रांसफर किया जा रहा है, किस किस को दिया जा रहा है? क्या राजस्थान सरकार गिराने के इस काला धन आदान प्रदान में लोगों का चेहरा बेनकाब नहीं होना चाहिए?
5.अगर भाजपा की कोई भूमिका नहीं, तो केंद्र सरकार से लेकर हरियाणा सरकार, इनकम टैक्स, ईडी, हरियाणा पुलिस, दिल्ली पुलिस कांग्रेस विधायकों को विशेष सुरक्षा चक्र देने और राजस्थान पुलिस की जांच से अलग रखने को इतनी मशक्कत क्यों कर रहे हैं?