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पायलट या गहलोत, कोर्ट में फैसला टलने से किसकी बढ़ेंगी मुश्किलें

राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष सीपी जोशी द्वारा सचिन पायलट समेत 19 विधायकों को दल-बदल कानून के तहत दिए गए नोटिस पर मंगलवार को हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. कोर्ट 24 अगस्त को अपना फैसला सुनाएगा. ऐसे में फिलहाल दोनों खेमों के लिए टेंशन बढ़ गई है.

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सचिन पायलट और अशोक गहलोत
सचिन पायलट और अशोक गहलोत

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  • हाईकोर्ट से मिली पायलट को तीन दिन की राहत
  • गहलोत को अपने विधायकों को होटल में रोकना होगा

राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच शह-मात का खेल जारी है. विधानसभा के अध्यक्ष सीपी जोशी द्वारा सचिन पायलट समेत 19 विधायकों को दल-बदल कानून के तहत दिए गए नोटिस पर मंगलवार को हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. कोर्ट ने सचिन पायलट गुट को 24 जुलाई तक की मोहलत दे दी है और कोर्ट ने स्पीकर सीपी जोशी से कहा कि आप 24 जुलाई तक कोई भी फैसला न लें. ऐसे में सवाल उठता है कि कोर्ट का फैसला टलने से पायलट और गहलोत में से किसी मुसीबत बढ़ेगी.

जयपुर हाईकोर्ट का फैसला अब तीन के बाद आएगा, लेकिन तैयारियां पायलट-गहलोत दोनों खेमे की ओर से हो रही हैं. कोर्ट से तीन दिन की राहत मिलने के बाद फिलहाल सचिन पायलट खेमे के विधायकों की सदस्यता पर कोई खतरा नहीं है. कोर्ट ने स्पीकर को फैसला लेने के लिए अभी रोक दिया है.

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ऐसे में पायलट खेमे को आगे की रणनीति बनाने और कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के सामने बार्गेनिंग का वक्त मिल गया है. हालांकि, पायलट खेमे की मुश्किलें भी कम नहीं है. हॉर्स ट्रेडिंग को लेकर एसओजी पायलट के दो समर्थक विधायकों से पूछताछ के लिए दिल्ली में डेरा जमाए हुए है.

ये भी पढ़ें: पायलट गुट को मिली 24 जुलाई तक मोहलत, हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पायलट समेत सभी 19 विधायकों को अयोग्य घोषित कराने के लिए अभी तीन दिन फैसले का इंतजार करना होगा. ऐसे में अब फ्लोर टेस्ट या विधानसभा सत्र बुलाने के अरमानों पर भी पानी फिर गया है. इतना ही नहीं गहलोत को अपने 102 विधायकों को संभालकर रखना एक बड़ी चुनौती है. पिछले एक सप्ताह से सभी विधायक होटल में रुके हुए हैं. इस तरह से गहलोत के लिए इन सारे विधायकों को साधकर रखना एक बड़ा चैलेंज है.

ये भी पढ़ें: कांग्रेस विधायकों से बोले CM गहलोत- कुछ दिन और होटल में रूकना पड़ सकता है

गहलोत के लिए फिलहाल बड़ी राहत यह है कि अगर कोर्ट सचिन पायलट के पक्ष में आज ही फैसला सुना देता तो उन्हें अपनी सरकार को बचाए रखने के लिए चुनौतियों का भी सामना करना पड़ता. इस दौरान पायलट खेमे के कुछ विधायकों को भी गहलोत साधने में सफल हो सकते हैं, क्योंकि उनकी नजर ऐसे कई विधायकों पर हैं. इस दौरान उनके परिवार से संपर्क साधकर उनकी वापसी का रास्ता निकाल सकते हैं.

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इन विधायकों को नोटिस दिया गया था

विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी ने कांग्रेस की शिकायत पर सचिन पायलट, रमेश मीणा, इंद्राज गुर्जर, गजराज खटाना, राकेश पारीक, मुरारी मीणा, पीआर मीणा, सुरेश मोदी, भंवर लाल शर्मा, वेदप्रकाश सोलंकी, मुकेश भाकर, रामनिवास गावड़िया, हरीश मीणा, बृजेन्द्र ओला, हेमाराम चौधरी, विश्वेन्द्र सिंह, अमर सिंह, दीपेंद्र सिंह और गजेंद्र शक्तावत को नोटिस दिया है.

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