राजस्थान में जारी सियासी संकट को लेकर अब कांग्रेस के अन्य नेता भी हमलावर हो रहे हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने प्रदेश के मौजूदा हालात को कोरोना से जोड़ते हुए वैक्सीन तैयार करने की बात कही है. कुल मिलाकर कहें तो सिब्बल ने दलबदल करने वालों पर शिकंजा कसने के लिए संविधान संशोधन कर, कानून सख्त करने की मांग की है.
उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा है- वैक्सीन की आवश्यकता है. भ्रष्टाचार रूपी वायरस का मतलब है एक चुनी हुई सरकार को गिराने की कोशिश करना और यह फैलता है दिल्ली में 'वुहान जैसी सुविधा' देने से. इस वायरस के खिलाफ रोग प्रतिरोधक क्षमता संविधान की दसवीं सूची में संशोधन से विकसित की जा सकती है.
Need for Vaccine :
Virus of “ corrupt means “ to topple elected governments has spread through a “ Wuhan like facility “ in Delhi
It’s “ antibodies “ lie in amending the Tenth Schedule
Ban all defectors from :
Holding public office for 5years
Fighting the next election
— Kapil Sibal (@KapilSibal) July 19, 2020
सिब्बल ने सभी दलबदल करने वालों पर बैन लगाने की मांग करते हुए आगे लिखा कि इस तरह के लोगों को अगले पांच सालों तक किसी भी तरह के सार्वजनिक ऑफिस ज्वॉइन करने की मनाही होनी चाहिए. इसके साथ ही अगले चुनाव लड़ने पर भी रोक लगनी चाहिए.
संविधान की दसवीं अनुसूची में क्या?
बता दें, संविधान की दसवीं अनुसूची में दल-बदल से संबंधित प्रावधानों का उल्लेख है. इसे दलबदल विरोधी अधिनियम (Anti-defection Act) के रूप में भी जाना जाता है. संविधान में दसवीं अनुसूची को 1985 में 52 वें संशोधन अधिनियम द्वारा जोड़ा गया था. इसमें विधायकों अथवा सांसदों को सदन के किसी अन्य सदस्य की याचिका के आधार पर विधानसभा या संसद के पीठासीन अधिकारी द्वारा दलबदल के आधार पर अयोग्य ठहराये जाने की प्रक्रिया का वर्णन है. यह कानून संसद और राज्य विधानसभाओं दोनों पर लागू होता है.
जाहिर है पूरे विश्व में कोरोना फैलने की शुरुआत चीन के वुहान शहर से हुआ है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, कोरोना वायरस के लिए बार-बार चीन को जिम्मेदार ठहराते रहे हैं. ऐसे में कपिल सिब्बल द्वारा भ्रष्टाचार के वायरस को फैलने देने में दिल्ली की भूमिका को चिन्हित करना दिल्ली में बैठी केंद्र सरकार पर निशाना है.
कहां से शुरू हुआ सियासी संकट?
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पिछले सप्ताह आरोप लगाते हुए कहा था कि कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त की कोशिश की जा रही है. गहलोत ने अपने आरोप में कहा कि बीजेपी राजनीति कर रही है और मेरी सरकार को गिराने की कोशिश कर रही है.
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इतना ही नहीं सरकार ने राजस्थान पुलिस के विशेष कार्यबल (एसओजी) को इसकी जांच के लिए भी लगा दिया. जिसके बाद एसओजी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट व सरकार के मुख्य सचेतक महेश जोशी को बयान देने के लिए बुलाया था.