राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के सुलह कमेटी की सुनवाई नहीं होने वाले बयान के बाद प्रदेश में सियासी हलचल तेज हो गई है. सचिन पायलट के पुराने दोस्त और राज्य के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास का कहना है कि यह हमारा पारिवारिक मामला है, राजस्थान सरकार को कोई दिक्कत नहीं है.
उन्होंने कहा कि राजनीतिक पार्टियों में इस तरीके की बातें चलती रहती हैं. लेकिन सरकार को किसी भी तरीके की कोई दिक्कत नहीं है. गौरतलब है कि सचिन पायलट के विवाद के समय उत्पन्न सियासी संकट में प्रताप सिंह ने पायलट गुट पर जमकर हमला बोला था.
सचिन पायलट के बयान पर कांग्रेस के बड़े नेता बोलने से बच रहे हैं. राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने इस मामले पर सवाल करने पर 'नो कमेंट' का जवाब दिया है.
बता दें कि पायलट ने कहा है कि सुलह के मौके पर आलाकमान की तरफ से जो वादे किए गए थे, उस पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं होना दुखद है. दिल्ली में हुए समझौते में जो वादा किया गया था, उसे भी नहीं पूरा किया गया. उन्होंने कहा कि 9 महीने बीत गए हैं, लेकिन समस्याओं का निपटारा अब तक नहीं किया गया है. वादा किया गया था कि विवादों का त्वरित निपटारा होगा.
उधर जितिन प्रसाद के कांग्रेस से बीजेपी में शामिल होने पर सीएम अशोक गहलोत गुट ने प्रसाद पर तो हमला बोला, लेकिन सचिन पायलट वाले बयान पर चुप्पी साध ली. सीएम ग़हलोत के ख़ास माने जाने वाले मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कहा कि ऐसे नेता आया राम गया राम वाले होते हैं.
उन्होंने कहा कि जिन नेताओं की निष्ठा पार्टी के साथ होती है, वह पार्टी के साथ जुड़े रहते हैं. जो भी नेता कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में गया है, उनको वहां कुछ नहीं मिला. महेश जोशी ने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया आज पांचवें, छठे नंबर के नेता भी नहीं है. वो मध्य प्रदेश में कभी कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के दावेदार थे. हालांकि, राजस्थान में इस तरह का कोई खतरा नहीं है.