राजस्थान के कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास जयपुर में ईडी कार्यालय पहुंचें. कथित भूमि सौदों को लेकर ईडी के जरिए भेजे गए नोटिस का जवाब देने खाचरियावास ईडी दफ्तर पहुंचे. दरअसल, एक फर्म द्वारा बॉर्डर के पास कथित जमीन खरीद-फरोख्त मामले में खाचरियावास को नोटिस भेजा गया है. इस सौदे में उनका परिवार भी शामिल है.
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जमीन खरीद के मामले में राजस्थान के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, उनके भाई और पिता के नाम ईडी का नोटिस आया है. नोटिस में आरोप है कि पीएसीएल कंपनी के एजेंट के रूप में प्रताप सिंह खाचरियावास के परिवार की कंपनी बॉर्डर पर जमीनों की खरीद-फरोख्त का काम करती थी. इसी मामले में पैसे के लेन-देन में ईडी का नोटिस आया है.
प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा हमारे बहुमत सिद्ध होने के बाद प्रवर्तन निदेशालय द्वारा नोटिस दिया जा सकता था. क्या यह नोटिस देने का समय है? वे यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि खाचरियावास ज्यादा न बोलें. आज केंद्र में बीजेपी की सरकार है. कल, यह कांग्रेस की सरकार होगी. राजनीतिक रूप से इस्तेमाल की जाने वाली एजेंसियां न तो बीजेपी के लिए और न ही कांग्रेस के लिए अच्छी हैं.
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इससे पहले प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि ये मामला जयपुर ईडी के दफ्तर में बंद हो चुका है. हालांकि जानबूझकर इसे वापस खुलवाया गया है. साथ ही कहा जा रहा है कि प्रताप सिंह खाचरियावास को ईडी ने उनको और उनके पिता को सोमवार को ईडी दफ्तर में दिल्ली आने के लिए कहा था. हालांकि खाचरियावास तब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ चार्टर्ड प्लेन में बैठकर जैसलमेर रवाना हो गए थे.
बीजेपी पर निशाना
वहीं प्रताप सिंह खाचरियावास ने इस मामले में बीजेपी पर निशाना साधा है. खाचरियावास का कहना है कि उनके 80 साल के पिता के नाम का नोटिस भेजा गया है. भारतीय जनता पार्टी ने काफी गंदा खेल खेला है. खाचरियावास का कहना है कि बीजेपी को समझना चाहिए कि उनके पिता लक्ष्मण सिंह शेखावत, भैरोंसिंह शेखावत के छोटे भाई हैं, जो उनकी पार्टी के बड़े नेता थे. उन्होंने कहा कि वो अपने परिवार के लोगों के खिलाफ इस तरह से साजिश रच रहे हैं.