राजस्थान के उदयपुर शहर में सीवरेज काम के दौरान चार श्रमिकों की हुई मौत के बाद उनके परिजनों में मातम का माहौल है. गुस्साए श्रमिकों के परिजनों ने पोस्टमार्टम करवाने से इनकार कर दिया था. साथ ही उन्होंने 2500000 रुपये मुआवजे और प्रत्येक श्रमिक के परिवार के लिए सरकारी नौकरी की मांग की थी.
श्रमिकों की मौत पर नराज मृतकों के परिवारवाले उदयपुर के सरकारी अस्पताल के मुर्दाघर में जमा हुए. मामले की गंभीरता को समझते हुए पुलिस और प्रशासन के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे. काफी समझाने के बाद सरकारी अस्पताल में जमा मृतकों के परिजन 450000 रुपए के मुआवजे पर मृतकों के पोस्टमार्टम के लिए मान गए.
दरअसल यह हादसा बुधवार को उदयपुर में तब हुआ जब स्मार्ट सिटी को लेकर चल रहे कार्य में 2 श्रमिक सीवर में उतरे थे. इस दौरान वह अंदर फंस गए और वहां से बाहर नहीं निकल पा रहे थे. उसके बाद दो अन्य श्रमिक उन्हें बाहर निकालने के लिए अंदर गए और वे भी वहां फंस गए. शुरुआती जांच में श्रमिकों की मौत सीवर लाइन में करंट आने से बताया जा रहा था.
जिसके बाद मौके पर सिविल डिफेंस एवं एसडीआरएफ की टीमों ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया. बाद में मृतकों के शवों को सीवर से बाहर निकाला गया. स्थानीय लोगों में इस बात को लेकर काफी गुस्सा था. उनका कहना है कि श्रमिकों के पास उनकी सुरक्षा के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं थे.
जानकारी के अनुसार सीवरेज का कार्य श्रमिक नगर निगम की अमृतम जलम योजना के तहत कर रहे थे लेकिन हादसे के कई घंटों बाद तक नगर निगम से कोई उच्च अधिकारी घटनास्थल पर नहीं पहुंचा. जब रेस्क्यू वर्क खत्म हो गया तब निगम आयुक्त वहां पहुंचे और घटना की जांच का आश्वासन दिया.