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राजस्थान में गायें भी अब बीपीएल से ऊपर, मिलेगा भत्ता

हजारों गायों के हिंगोनिया गौशाला में मरने के बाद किरकिरी झेल रही राजस्थान में अब गायों को वीआईपी ट्रीटमेंट मिलेगा. वसुंधरा सरकार की गाय मंत्रालय अब आपदा राहत फंड के पैसे से राज्य में प्रति गाय के हिसाब से रोजाना 70 रुपए और बछड़े को 35 रुपए खाने के लिए देगी. वहीं राजस्थान के किसी भी शहर में 28 रुपए और गांव में 25 रुपए 16 पैसे तक कमानेवाला बीपीएल की श्रेणी में होता है.

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गायें
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हजारों गायों के हिंगोनिया गौशाला में मरने के बाद किरकिरी झेल रही राजस्थान में अब गायों को वीआईपी ट्रीटमेंट मिलेगा. वसुंधरा सरकार की गाय मंत्रालय अब आपदा राहत फंड के पैसे से राज्य में प्रति गाय के हिसाब से रोजाना 70 रुपए और बछड़े को 35 रुपए खाने के लिए देगी. इस पैसे के इंतजाम के लिए सरकार ने रजिस्ट्री और स्टांप पेपर समेत 33 तरह के वित्तिय लेनदेन पर 10 फीसदी का काऊ टैक्स लगाया है. गोपालन मंत्री ओटाराम देवासी का कहना है कि उन्होंने अपने पास से जो काऊ सेस से पैसे इकट्ठे किए उससे राज्य के गोशालाओं को जनवरी से मार्च तक प्रत्येक गाय को 32 रुपए और बछड़ों को 16 रुपए दे रहे थे. वे कहते हैं कि केंद्र से आपदा प्रबंधन के तहत 13 जिलों के लिए पैसे आए हैं.

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गौरतलब है कि जयपुर के हिंगोनिया गौशाला की मरी हुई और मरती हुई गायों की तस्वीरों ने पूरे देश को दहला दिया था. इन तस्वीरों ने वसुंधरा सरकार के इंतजाम और देश में गाय मंत्रालय के दावों की पोल खोल कर रख दी थी. इसी दाग को मिटाने के लिए अब सरकार ने गायों को वीआईपी ट्रीटमेंट देने का फैसला किया है. राज्य के हिंगोनिया गौशाला समेत दूसरे गौशालाओं को प्रति गाय 70 रुपए और प्रति बछड़े 35 रुपए दिए जा रहे हैं. हिंगोनिया गौशाला को भी आपदा प्रबंधन के फंड से हीं पैसे जारी किए जा रहे हैं. राज्य सरकार ने निर्देश जारी किया है कि ये राशि इनके खान-पान पर खर्च होंगें. इसकी निगरानी के लिए गौशाला में सीसीटीवी लगाना होगा और चारा खिलाने के सीडी सरकार को सौंपी जाएगी. सरकार ने लक्ष्य रखा है कि सभी लावारिश गायों को गौशाला में ले जाकर सेवा की जाएगी.

फिलहाल राज्य के 2319 गौशालाओं में 6,71,452 गायें हैं. सरकार के इस घोषणा के बाद गोशालाओं में गायों की संख्या लगातार बढ़ रही है. मसलन, हिंगोनिया गौशाला को हीं लें. पहले वहां करीब 9,000 गायें थी लेकिन जब से 70 रुपए और 35 रुपए गाय-बछड़े के लिए मिलना शुरु हुआ है. वहां गायों की संख्या 13 हजार से ज्यादा हो गई है. सरकार के तरफ से निकले सर्कुलर में ये भी लिखा है कि गोवध के लिए जा रहे गोवंश को जहां भी छुड़ाया जाता है. वहां पर जिला कलेक्टर प्रति गाय के हिसाब से आपदा प्रबंधन से ये राशि जारी कर सकते हैं.

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ऐसे में अब सवाल यह उठता है कि एक गाय 70 रुपए और बछड़ा 35 रुपया में क्या खाएगा? मसलन, एक किलो पशु आहार 15 रुपए प्रति किलो के हिसाब से आएगा और हरा चारा खुदरा में भी खरीदें तो 5 रुपए प्रति किलो मिलेगा. जबकि थोक में ये सस्ता भी हो सकता है. ऐसे में कांग्रेस इसे वोट की राजनीति से जोड़कर देख रही है. कांग्रेस प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि सरकार आम जनता की भलाई के लिए जो फंड जारी कर रही है उसमें तो रोज कटौती करती जा रही है मगर गाय के लिए फंड बढ़ा रही है. राज्य में गाय के लिए ये फंड नहीं दिए जा रहे हैं बल्कि हिंगोनिया जैसी लूट अब सभी गौशालाओं में शुरु होगी.

हालांकि हर कोई गायों की तहर खुशकिस्मत नही है. राजस्थान सरकार हेल्थ, फैमिली वेलफेयर, शिक्षा, खेल, कला एवं संस्कृति, शहरी आवास ,जल और कचरा निस्तारण, वेलफेयर फॉर एससी एसटी, लेबर, सोशल वेलफेयर और ग्रामीण विकास पर सलाना प्रति व्यक्ति 9727.61 रुपये खर्च करती है. यानी सरकार प्रति व्यक्ति के सभी तरह के वेलफेयर पर 26 रुपए 65 पैसे खर्च करती है. आपको बता दें कि राजस्थान के किसी भी शहर में 28 रुपए और गांव में 25 रुपए 16 पैसे तक कमानेवाला बीपीएल की श्रेणी में होता है.

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