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राज्यसभा चुनाव: बीजेपी राजस्थान में जीती जरूर, लेकिन जीत के लिए हद कर दी

कांग्रेस समर्थित निर्दलीय उम्मीद्वार उद्योगपति कमल मुरारका हार गए. उनको 34 वोट मिले. इनका एक वोट खारिज हो गया. लेकिन इस चुनाव में जो कुछ हुआ वो इतिहास बन गया.

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राज्यसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद वेंकैया नायडू
राज्यसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद वेंकैया नायडू

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राजस्थान में राज्यसभा के लिए बीजेपी के चारों प्रत्याशी चुन लिए गए. शनिवार को हुई वोटिंग में कुल 199 वोट डाले गए, जिसमें 42-42 वोट केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वैंकया नायडू और ओम माथुर को मिले. जबकि 40-40 वोट हर्षवर्धन सिंह और राम कुमार वर्मा को मिले.

कांग्रेस समर्थित निर्दलीय उम्मीद्वार उद्योगपति कमल मुरारका हार गए. उनको 34 वोट मिले. इनका एक वोट खारिज हो गया. लेकिन इस चुनाव में जो कुछ हुआ वो इतिहास बन गया.

1) छींक आई तो वापस अंदर चली गई बस
सुबह 6 बसों में अजमेर रोड के जयपुर ग्रीन्स होटल से चार दिन बाद 160 बीजेपी विधायक और 6 निर्दलीय विधायकों को वोट डालने के लिए विधानसभा लाया जाने लगा. जैसे ही बस होटल से बाहर निकली एक विधायक को छींक आ गई. फिर अपशकुन मानकर प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी ने सारी बसें वापस अंदर भेज दीं. दस मिनट के इंतजार के बाद बसें फिर से रवाना की गईं. हर विधायक को बस में एक सीट आरक्षि‍त किया गया था और एक दिन पहले बस में बैठने की भी रिहर्सल करवाई गई थी. इतना ही नहीं, सभी को विधानसभा में भी एक कतार में अंदर लाया गया.

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2) पल-पल बदलती रही इनकी पार्टी
बीजेपी ने भले ही जमींदारा पार्टी के अध्यक्ष बीडी अग्रवाल पर पुराने मुकदमे खोल दिए हों और भांजों को गिरफ्तार कर दोनों विधायकों कामिली जिंदल और सोना देवी बावरी को होटल में बंद कर दिया. लेकिन इन्हें यकीन नहीं था कि ये वोट देंगी. लिहाजा अपने विधायक योगेंद्र तंवर का वोट डलवाकर बीजेपी ने इन्हें पार्टी से इस्तीफा दिलवा दिया. फिर तंवर को जमींदारा पार्टी में शामिल करवाया गया. उसके बाद तंवर को जमींदारा पार्टी का एजेंट बनवाया ताकि जमींदारा पार्टी के विधायक उनको दिखाकर बीजेपी को वोट डाल सकें.

विधानसभा अध्यक्ष ने दलबदल विरोधी कानून की अनदेखी कर सब कर दिया और शाम को विधायक तंवर फिर से बीजेपी में शामिल हो गए. लेकिन तब भी जमींदारा पार्टी की एक विधायक सोना देवी बावरी ने एक वोट रिजेक्ट करवा दिया.

3) एक होटल, 500 पुलिस की पहरेदारी
इससे पहले बीजेपी ने सात जून को ही अपने 160 विधायक और चार निर्दलीय विधायकों को अजमेर रोड के जयपुर ग्रीन्स होटल में कैद कर दिया था. सभी के मोबाइल जब्त कर लिए गए थे और होटल में जैमर लगा दिए गए थे. इंटरनेट कनेक्शन काट दिया गया था. होटल के अंदर और बाहर करीब 500 पुलिस की पहरेदारी थी कि कहीं कोई विधायक भाग न जाए. इसके अलावा प्राइवेट बाउंसर और खोजी कुत्तों का दल भी तैनात था. मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे खुद भी वहां मौजूद थीं. रणनीतिकार के रूप में उर्जा मंत्री पीयूष गोयल होटल में मौजूद रहे. जबकि वैंकया नायडू भी लगातार यहां मौजूद रहे.

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