राजस्थान सरकार के पूर्व मंत्री बाबूलाल नागर आखिरकार गिरफ्तार हो ही गए. जयपुर के सर्किट हाउस के कमरा नंबर 326 में सीबीआई ने नागर से करीब साढ़े 6 घंटे की पूछताछ की.
नागर ने गिरफ्तारी से बचने की नई चाल चली और कहा कि हमने पीड़िता के साथ सहमति से संबंध बनाए और कहा कि पीड़िता के साथ हमारा साढ़े तीन साल से शारीरिक संबंध रहा हैं.
बताया जाता है कि डीएनए रिपोर्ट में पीड़िता के कपड़े पर नागर के सिमेन के निशान की पुष्टि और पीड़िता का चेन नागर के बिस्तर के नीचे से बरामद होने के बाद नागर घिर गए थे, लिहाजा जाते ही सीबीआई से कहा कि ये बलात्कार नहीं सहमति का संबंध था जिसे उनके राजनीतिक विरोधी महिला को अपने में मिलाकर फंसा रहे हैं. लेकिन सीबीआई ने करीब 6.15 बजे नागर के घरवालों को सूचित कर दिया कि नागर को गिऱफ्तार कर लिया गया है.
पीड़िता ने 17 सितंबर को जयपुर के सोडाला थाने में मुकदमा दर्ज करया था कि नौकरी देने के नाम पर उसके साथ पूर्व डेयरी और खादी मंत्री ने उसके साथ अपने सरकारी बंगले पर बलात्कार किया. उसके बाद राज्य सरकार ने मामला जांच के लिए सीबी सीआईडी को सौंप दिया था, लेकिन विपक्ष ने जब सीआईडी पर नागर को बचाने का आरोप लगाया तो राजस्थान सरकार ने जांच सीबीआई को दे दी थी.
गिरफ्तारी के बाद नागर को मेडिकल के लिए सवाईमान सिंह अस्पताल ले जाया गया जहां से नागर को जयपुर के सीबीआई दफ्तर में ले जाया गया.