हिन्दी पट्टी के तीन अहम राज्यों में भारतीय जनता पार्टी को पटखनी देने के बाद अब कांग्रेस सरकार बनाने की कोशिशों में जुट गई है. राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को बहुमत तो मिल गया, लेकिन मुख्यमंत्री के नाम पर पेच फंस गया. राजस्थान में मुख्यमंत्री पद को लेकर अशोक गहलोत, सचिन पायलट के नाम पर चर्चा चल रही है.
दोनों ही नेताओं के समर्थक दिल्ली से लेकर जयपुर में नारेबाजी कर रहे हैं. इस बीच राजस्थान के विधायक पी.आर मीणा ने कहा है कि, "यदि सचिन पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया तो वो पार्टी छोड़ देंगे. 70 से 80 प्रतिशत विधायक पायलट के साथ हैं."
मीणा ने अशोक गहलोत पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि पूरे चुनाव में सचिन पायलट ने मेहनत की है. इसलिए उन्हें ही मुख्यमंत्री बनाया जाए. गहलोत ने अब तक क्या किया?
मालूम हो कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर्यवेक्षकों से मुलाकात कर चर्चा कर रहे हैं उधर, राजस्थान से निर्दलीय विधायक लगातार अशोक गहलोत के पक्ष में बयान दे रहे हैं. विधायकों का कहना है कि राजस्थान की जनता और उनकी मांग है कि अशोक गहलोत को ही मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी जाए.
मुख्यमंत्री पद के लिए दंगल अब तेज होता जा रहा है. सचिन पायलट के समर्थक दिल्ली में कांग्रेस दफ्तर के बाहर नारेबाजी कर रहे हैं. इससे पहले जयपुर में भी सचिन पायलट और अशोक गहलोत के समर्थकों ने नारेबाजी की थी.
मालूम हो कि सचिन पायलट राजस्थान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष हैं, उनकी अगुवाई में ही पार्टी ने जीत दर्ज की है. समर्थक लगातार सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रहे हैं.
डिप्टी सीएम के फॉर्मूले पर विचार?
राजस्थान में कांग्रेस डिप्टी सीएम के फॉर्मूले पर काम कर रही है. आज अशोक गहलोत और सचिन पायलट राहुल गांधी से मुलाकात कर रहे हैं. सभी विधायकों को जयपुर में रहने के लिए कहा गया है.
राजस्थान में भी अशोक गहलोत और सचिन पायलट के समर्थकों ने जयपुर में शक्ति प्रदर्शन किया. लेकिन अब सभी की नज़रें राहुल गांधी पर टिकी हैं.