राजस्थान विधानसभा चुनावों में 6 महीने से भी कम समय बाकी है लिहाजा प्रदेश की राजनीति गर्माने लगी है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने जयपुर की सड़क पर करीब 6 किलोमीटर की पदयात्रा निकाली. इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैलियों में हुई फिजूलखर्ची के खिलाफ विरोध दर्ज करवाया.
सचिन पायलट ने हजारों कार्यकर्ताओं के साथ राज्यपाल कल्याण सिंह के नाम ज्ञापन भी सौंपा, हालांकि राजभवन मार्च से पहले ही सिविल लाइन फाटक पर पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को रोक लिया.
सचिन पायलट ने कहा कि राज्य की मशीनरी का उपयोग कर 7 जुलाई को जिस तरह से भीड़ जुटाई गई वह लोकतंत्र में एक काला इतिहास है. प्रधानमंत्री की रैली में योजना में लाभार्थियों को जयपुर लाने के नाम पर सैकड़ों करोड़ रुपये खर्च किए गए लेकिन सच्चाई यह है कि उनमें से आधे भी लाभार्थी नहीं थे. बीजेपी अपने कार्यकर्ताओं को सरकारी पैसे से सरकारी मेहमान बनाकर जयपुर लेकर आई है और प्रधानमंत्री ने उन लोगों के सामने गलत बयानबाजी की है.
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री की जयपुर की रैली पर हुए खर्च का श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है. रैली के दौरान किसानों को सम्मानित करने को लेकर भी सचिन पायलट ने बीजेपी पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 4 साल क्यों लग गए और अब जब न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित हो गए हैं तब कम से कम प्रधानमंत्री को आकर देखना चाहिए क्या वाकई में कहीं खरीद हो रही है या नहीं हो रही है.
प्रधानमंत्री ने यह न्यूनतम समर्थन मूल्य आगे आने वाली सरकार के लिए घोषित किया है जो कि बीजेपी की नहीं होगी. चुनाव में किसानों की नाराजगी को देखते हुए प्रधानमंत्री न्यूनतम समर्थन मूल्य डेढ़ गुना करने की नौटंकी कर रहे हैं. कांग्रेस ने अपने हजारों कार्यकर्ताओं के साथ ऐलान कर दिया कि अगर सत्ता में पार्टी आती है तो प्रधानमंत्री की रैली में हुए खर्च की जांच कराई जाएगी.