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सलमान केस की वजह से जोधपुर में शिकार घटे, बढ़े चिंकारे: रिपोर्ट

राजस्थान के जोधपुर जिले सहित पूरे राजस्थान में चिंकारे और ब्लैक बक की संख्या में पिछले दो दशकों से लगातार बढ़ोतरी हुई है. श्वानों के लगातार हमले और बढ़ते शहरीकरण के बावजूद भी ऐसा संभव हो पाया है.

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प्रतिकात्मक फोटो
प्रतिकात्मक फोटो

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राजस्थान के जोधपुर जिले सहित पूरे राजस्थान में चिंकारे और ब्लैक बक की संख्या में पिछले दो दशकों से लगातार बढ़ोतरी हुई है. श्वानों के लगातार हमले और बढ़ते शहरीकरण के बावजूद भी ऐसा संभव हो पाया है.

दरअसल, साल 1998 में 'हम साथ साथ है' फिल्म की शूटिंग के दौरान अभिनेता सलमान खान और उनके साथियों ने जोधपुर जिले के कांकाणी एवं गुडा विश्नोईया क्षेत्र में चिंकारा-काला हिरण का शिकार किया था. जिसके बाद यह मामला पूरे देश में 1998 से लेकर अब तक सुर्खियों में है.

वन्यजीव विशेषज्ञ डॉ. हेमसिंह गहलोत ने पत्रिका को बताया, 'सलमान खान के वन्यजीव शिकार प्रकरण के बाद देश भर में शिकारियों के मन में डर पैदा हुआ है. लेकिन श्वानों के लगातार हमलों की वजह से हर साल एक हजार से ज्यादा चिंकारे और काले हिरणों की मौत हो रही है. श्वानों जैसै शिकारियों पर अंकुश लगाने और वन्यजीव बहुल के क्षेत्र में सहभागिता, संरक्षण और सुरक्षता के लिहाज से जागरुकता के अभियान की जरूरत है.'

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बता दें, जोधपुर जिले में सलमान खान के काले-हिरण के शिकार के मामले के बाद शिकार की घटनाओं में कमी और वन्यजीव बहुल क्षेत्रों में बढ़ोतरी के आंकड़े सामने आए हैं. जानकारी के मुताबिक साल 2001 में जोधपुर जिले में 63  शिकार के मामले दर्ज हुए थे जो साल 2017 में  घट कर मात्र 8 रह गए.

पत्रिका द्वारा जुटाए आंकड़ों के मुताबिक 2007 में राज्य में कुल 14,701 काले-हिरण मौजूद थे जिसमें जोधपुर जिले में 1,305 थे. साल 2017 में राज्य में एक भी काला-हिरण नहीं है केवल जोधपुर में 3,232 काले-हिरण उपलब्ध हैं.

साल 2001 से 2017 तक दर्ज शिकार प्रकरण के मामले

साल  शिकार प्रकरण                                             

2001 : 63

2002 : 23

2003 : 15

2004 : 26

2005 : 63

2006 : 21

2007 : 65

2008 : 42

2009 : 34

2010 : 33

2011 : 75

2012 : 60

2013 : 25

2014 : 11

2015 : 06

2016 : 07

2017 : 08

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जानिए 2007 से लेकर 2017 में काले हिरण की राज्सथान में कुल संख्या

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साल     राज्य में कुल काले-हिरण   जोधपुर जिले में कुल काले-हिरण   

2007       14701          1305         

2009       13050          1126

2010       12532          1197

2011       13457          1883

2012       15105          2572

2013       16560          2795

2014       18021          2117

2015       17697          2361

2016       30560          3528

2017         0            3232

जोधपुर जिले में श्वानों की हाहाकार

चीतों को भी मात देने वाले चिंकारे एक दशक से श्वानों का शिकार हो रहे हैं. वन्यजीव चिकित्सालय ने 2009 से 2017 तक कुल 8500 घायल चिंकारे-काले हिरण लाए गए हैं. जिनमें से तकरीबन 6000 की मौत हुई है. जबकि जिले के आवासीय क्षेत्रों में इनकी दोगुनी मौत बताई गई है.

बता दें कि बारिश के बाद जिले में औसतन प्रतिदिन 52 चिंकारे घायल होते हैं. जो घायल काले-हिरण की संख्या से भी ज्यादा है. इसी वजह से प्रकृति संरक्षण अंतरराष्ट्रीय संघ ने इसे रेड डाटा बुक में शामिल कर दिया है.

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