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शरद यादव ने वसुंधरा राजे को कहा था मोटी, चुनाव आयोग ले सकता है एक्शन

राजस्थान विधानसभा चुनाव के दौरान शरद यादव ने वसुंधरा राजे पर विवादित टिप्पणी की थी. इसे राज्य निर्वाचन आयोग ने आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए भारत निर्वाचन आयोग को अग्रिम कार्रवाई के लिए लेटर लिखा है.

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अलवर की मुंडावर सीट पर शरद यादव ने विवादित बयान दिया था (फाइल फोटो-PTI)
अलवर की मुंडावर सीट पर शरद यादव ने विवादित बयान दिया था (फाइल फोटो-PTI)

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राजस्थान विधानसभा चुनाव के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव की टिप्पणी को चुनाव आयोग ने संज्ञान लिया है. राज्य निर्वाचन आयोग ने इसे आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए भारत निर्वाचन आयोग को अग्रिम कार्रवाई करने के लिए लेटर लिखा है.

बता दें, अलवर की मुंडावर सीट पर कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशी के समर्थन में आयोजित एक चुनावी सभा के दौरान शरद यादव ने कहा था, 'और ये वसुंधरा इसको आराम दो, बहुत थक गई है...बहुत मोटी हो गई है.... और इतनी पतली थी न ये...हमारे मध्य प्रदेश की बेटी है...इसको कहो कि आराम करें.' हालांकि, विवाद होने के बाद शरद यादव ने अपने इस बयान पर सफाई देते हुए कहा था कि उनका किसी का अपमान करने का कोई इरादा नहीं था.

शरद के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए वसुंधरा ने कहा था, 'मैं आश्चर्यचकित हूं, मैं अपमान महसूस कर रही हूं. शरद को अपनी भाषा पर संयम रखना चाहिए, उन्होंने मेरा नहीं सभी महिलाओं का अपमान किया है' इसके साथ ही उन्होंने चुनाव आयोग से कार्रवाई की भी मांग की थी.

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इस मामले में राज्य निर्वाचन आयोग ने अलवर के जिलाधिकारी से रिपोर्ट तलब की थी. इस रिपोर्ट के आधार पर आयोग ने पाया कि यह आचार संहिता के जनरल कंडक्ट क्लॉज के पैरा नं. 2 का उल्लंघन है. राज्य निर्वाचन आयोग ने भारत निर्वाचन आयोग को कार्रवाई के लिए अपनी रिपोर्ट भेज दी है.

क्या है क्लॉज का पैरा नं. 2

इस क्लॉज के मुताबिक, जब अन्य राजनीतिक दल की आलोचना की जाए, तब उनकी नीतियों और कार्यक्रम, पूर्ववत और कार्य तक ही सीमित होनी चाहिए. व्यक्तिगत जीवन के ऐसे सभी पहलुओं की आलोचना नहीं होनी चाहिए, जिनका संबंध अन्य दलों के नेताओं या कार्यकर्ताओं के सार्वजनिक क्रियाकलाप से न हो. साथ ही ऐसी आलोचना नहीं की जानी चाहिए, जो ऐसे आरोपों पर हो जिनकी सत्यता स्थापित न हुई हो या तोड़-मरोड़कर कही गई बातों पर आधारित हो.

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