जयपुर में ब्राह्मण संगठनों ने रविवार को परशुराम शोभायात्रा निकाली. इस दौरान एक थाना प्रभारी पर आपत्तिजनक टिप्पणी और फरसा छीनने का आरोप लगाते हुए लोगों ने हंगामा किया और हाथापाई भी की. विरोध में ब्राह्मण समाज के लोगों ने करीब 2 घंटे तक थाने का घेराव किया. बाद में जब थाना प्रभारी को हाथ जोड़कर माफी मांगनी पड़ी तब जाकर मामला शांत हुआ.
मिली जानकारी के मुताबिक, ब्राह्मण संगठनों ने जयपुर के खानिया हनुमान मंदिर से 52 फीट हनुमान मंदिर तक शोभायात्रा निकाली. इस यात्रा की पुलिस प्रशासन ने पहले से अनुमति दी थी. तभी रैली के पुरानी चुंगी के पास पहुंचते ही कुछ लोग हंगामा करने लगे. उनका आरोप था कि खो-नागोरियान थाना प्रभारी इंद्राज मरोडिया ने भगवान परशुराम के लिए आपत्तिजनक टिप्पणी की.
यह सुनते ही लोग भड़क गए और नारेबाजी करने लगे. इस दौरान कुछ लोगों के साथ थाना प्रभारी व अन्य पुलिसकर्मियों की हाथापाई हुई. मामला बढ़ता देख रैली में शामिल कुछ लोग थाना प्रभारी को पकड़कर दूर ले गए.
बाद में थाना प्रभारी इंद्राज मरोडिया ने वरिष्ठ अधिकारियों के सामने हाथ जोड़कर माफी मांगी तब जाकर मामला शांत हुआ. साथ ही लिखित समझौता हुआ कि दोनों पक्ष किसी तरह की कार्रवाई नहीं करेंगे.
बता दें कि इस मामले के बाद थाना प्रभारी इंद्राज मरोडिया छुट्टी पर चले गए हैं. हालांकि, अब तक इस बारे में जयपुर पुलिस ने किसी तरह का स्पष्टीकरण नहीं दिया है.
हाथ जोड़कर माफी मांगी
थाना प्रभारी इंद्राज ने लोगों के सामने हाथ जोड़कर कहा कि-मेरी भावना गलत नहीं है. मैं किसी को ठेस नहीं पहुंचाना चाहता. यदि किसी को लगा हो कि मैंने धर्म या समुदाय विशेष के लिए कुछ गलत कहा है तो निसंकोच हाथ जोड़कर माफी मांगता हूं.
मैंने हथियार के लिए मना किया कि क्योंकि हथियार से किसी को चोट लग जाती तो सारी जवाबदारी मेरी होती. फिर भी कोई आहत हुआ है तो मैं हाथ जोड़कर और पांव पकड़कर माफ़ी मांगता हूं.