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आतंकी हमले में अलवर का जांबाज शहीद, श्रीनगर में मुठभेड़ से पहले परिवार से की थी बात

Alwar Sher Singh Jatav: राजस्थान के अलवर के शेर सिंह जाटव श्रीनगर में आंतकियों से लोहा लेते हुये शहीद हो गये हैं. वह सीआरपीएफ में सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात थे.

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अलवर के शेर सिंह जाटव शहीद
अलवर के शेर सिंह जाटव शहीद
स्टोरी हाइलाइट्स
  • आतंकियों से मुठभेड़ में अलवर के शेर सिंह जाटव शहीद
  • मुठभेड़ से पहले परिवार से की थी फोन पर बात

जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में हुए आतंकी हमले में राजस्थान का एक और वीर सपूत शहीद हो गया. अलवर जिले के रहने वाले शेर सिंह जाटव आंतकियों से हुई मुठभेड़ में शहीद हो गये हैं. वह सीआरपीएफ में सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात थे. शेर सिंह के शहीद होने की सूचना जैसे ही पहुंची, गांव में शोक की लहर दौड़ गई.

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बता दें कि अलवर जिले के खेड़ली कस्बे के समूची गांव निवासी शेर सिंह जाटव आतंकियों से लोहा लेते हुए बुधवार को शहीद हो गए. उनके शहीद होने की सूचना घर पहुंचने के बाद परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. पत्नी और बेटे बिलख-बिलख कर रो रहे हैं. गांव में भी माहौल गमगीन बना हुआ है. 

बुधवार शाम को श्रीनगर के पंथा चौक पर आतंकियों से मुठभेड़ हुई थी. आतंकियों ने सीआरपीएफ के वाहन को निशाना बनाकर गोलीबारी शुरू कर दी. सीआरपीएफ की ओर से भी जवाबी फायरिंग की गई. इस दौरान अलवर जिले के 42 वर्षीय शेर सिंह जाटव को गोली लग गई. आतंकियों की गोली उनके सीने में लगी, जिससे शेर सिंह जाटव शहीद हो गए. 

शेर सिंह 1992 में सीआरपीएफ में कांस्टेबल के पद पर भर्ती हुए थे. उन्हें पिछले साल ही एसआई पद पर प्रमोशन मिला था. 30 अप्रैल को ही वो छुट्टी खत्म होने के बाद गांव से ड्यूटी पर गए थे. 22 अप्रैल को बेटे की सगाई की थी और जुलाई में बेटे की शादी तय करने के लिए आने की बात कह रहे थे. आतंकियों के हमले से पहले शेर सिंह की मोबाइल से पत्नी और बेटे से बात हुई थी. 

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इसके कुछ देर बाद फायरिंग की आवाज आने पर उन्होंने मोर्चा संभाल लिया. आतंकियों से आमने-सामने की फायरिंग शुरू हो गई. वे सीआरपीएफ के 29 बटालियन के वाहन में मौजूद थे. तभी आतंकियों ने काफिले पर घात लगाकर हमला कर दिया. जानकारी के मुताबिक शेर सिंह वाहन की आगे की सीट पर बैठे थे. इस दौरान उन्हें गोली लग गई. 

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