राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बारे में वैसे तो कहा जाता है कि वो तांत्रिक पूजा करती रहती हैं लेकिन उनके तंत्र-मंत्र के बारे में दिए गए बयान की खूब चर्चा रही. मुख्यमंत्री ने कहा कि आज तंत्र शिक्षा को बढ़ावा देने की जरुरत है.
जयपुर के तोतुका सभागार में हुए वैदीक सम्मेलन के दौरान सीएम राजे ने कहा कि संस्कृत विश्वविद्यालय में तंत्र विद्या पढ़ाई जाएगी. राजे ने तंत्र-मंत्र को कुछ लोग जादू टोना से जोड़कर देखते हैं. इस दौरान उन्होंने तंत्र विद्या को बढ़ाने पर जोर दिया. राजे कहना था कि तंत्र विद्या के लिए स्कूलों में कोचिंग दी जाएगी. संस्कृत और अन्य यूनिवर्सिटी में हम इस तंत्र विद्या को बढ़ाएंगे.
गौरतलब है वसुंधरा राजे चंद्रास्वामी के साथ भी सीएम हाउस में तांत्रिक पूजा करवा चुकी हैं और दतिया मंदिर में भी बगुलामुखी पूजा कराने जाती रहती हैं.
गायों की हालत द्रौपदी के चीरहरण जैसी
हिंगोनिया गौशाला में हजारों गायों के मरने के बाद वसुंधरा राजे ने पहली बार अपना मुंह खोला. वसुंधरा ने गायों की मौत पर दुख जताया. उन्होंने द्रौपदी चीर हरण से गायों की तुलना करते हुए कहा कि गायों की स्थिति भी वैसी ही हो गई है. गायों के पेट से कीलें और प्लास्टिक निकलती हैं.
प्लास्टिक से मर रही हैं गायें
उन्होंने कहा, 'हम आज से प्रण लें कि हाथ में प्लास्टिक थैली नहीं लेंगे. आज से तय करें राजस्थान में प्लास्टिक नाम की चीज बंद हो.' उनका ये भी कहना था कि गाय एक राजनैतिक प्रकरण नहीं बल्कि पूजा का आधार है. लेकिन प्लास्टिक से गायों की निरंतर मौत हो रही है.
लोगों को ठहराया जिम्मेदार
वसुंधरा राजे ने गायों की स्थिति के लिए आम लोगों को भी जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि लोग कहते हैं कि सरकार प्लास्टिक बंद करे लेकिन आप थैली उठाते हो तो सरकार कुछ नहीं कर सकती. लोग प्लास्टिक की थैली हाथ में उठाकर गाय के बारे रोना रोते हैं. गौरतलब है कि वसुंधरा राजे के खिलाफ कांग्रेस लगातार गायों की अनदेखी का आरोप लगाती रहती है.