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राजस्थान में दो साल बाद होंगे छात्रसंघ चुनाव, CM अशोक गहलोत ने किया ऐलान

2020 में कोरोना की वजह से स्टूडेंट्स यूनियन के चुनाव पर सरकार ने रोक लगा दी थी उसके बाद राज्यपाल के द्वारा गठित टास्क फोर्स ने चुनाव नहीं कराने के सुझाव दिए थे. चुनाव कराने को लेकर एनएसयूआई और एबीवीपी के छात्र आंदोलन कर रहे थे.

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अशोक गहलोत (File Photo)
अशोक गहलोत (File Photo)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • एनएसयूआई नेता ने गहलोत के निर्णय पर जताई खुशी
  • 2020 में कोरोना की वजह से नहीं हुए थे छात्रसंघ चुनाव

राजस्थान में दो साल बाद छात्रसंघ चुनाव करवाने की तैयारी शुरू हो गई है. शुक्रवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने छात्रसंघ चुनाव को हरी झंडी दे दी. अब अगस्त महीने के दौरान राजस्थान में छात्रसंघ चुनाव कराए जा सकते हैं.

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चुनाव का ऐलान करते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि सभी विद्यार्थी और संगठन संबंधित कॉलेज एवं यूनिवर्सिटी की गाइडलाइंस का पालन करते हुए उत्साह से चुनावों में भाग लें. मेरी शुभकामनाएं आप सभी के साथ हैं. चुनाव अगस्त में कराए जा सकते हैं

सीएम गहलोत ने आगे कहा कि आज के विद्यार्थी ही देश का भविष्य हैं.विद्यार्थी संगठनों की मांग को देखते हुए विद्यार्थियों में लोकतांत्रिक प्रक्रिया की समझ बढ़ाने के लिए विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव करवाने के लिए विभाग को निर्देश दिए गए हैं.

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एनएसयूआई के अध्यक्ष अभिषेक चौधरी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात कर चुनाव कराने की मांग रखी थी.

एनएसयूआई नेता अभिषेक चौधरी ने भी अशोक गहलोत के फैसले की सराहना की है. राहुल ने अशोक गहलोत के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए कहा कि लोकतंत्र को जहां इस देश की केंद्र सरकार अलग अलग बहाने बनाकर कुचलने का हर संभव प्रयास करती है.वहीं इस दौर में आपका छात्रसंघ चुनाव की अनुमति देना आपके जननायक होने का एक ओर प्रमाण प्रस्तुत करता हैं. आपका पूरे राजस्थान के युवाओं और छात्रों की ओर से कोटि-कोटि धन्यवाद.

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बता दें कि पहले साल 2020 में कोरोना की वजह से स्टूडेंट्स यूनियन के चुनाव पर सरकार ने रोक लगा दी थी उसके बाद राज्यपाल के द्वारा गठित टास्क फोर्स ने चुनाव नहीं कराने के सुझाव दिए थे. चुनाव कराने को लेकर एनएसयूआई और एबीवीपी के छात्र आंदोलन  कर रहे थे.आज एनएसयूआई के अध्यक्ष अभिषेक चौधरी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात कर चुनाव कराने की मांग रखी थी. लाखों छात्र राजस्थान के छात्रसंघ चुनाव में हिस्सा लेते हैं. अकेले राजस्थान यूनिवर्सिटी में ही 28 हजार वोटर हैं.

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