राजस्थान में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के 6 विधायकों की सदस्यता रद्द करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी की. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने बसपा के वकील सतीश मिश्रा से पूछा कि हाईकोर्ट के एकल जज की पीठ के आदेश को आपने डिवीजन बेंच के सामने चुनौती क्यों नहीं दी? आप सीधे यहां क्यों आ गए? साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान विधानसभा के स्पीकर और बसपा के टिकट पर जीते 6 विधायकों को नोटिस भी जारी किया है.
आपको बता दें कि इससे पहले राजस्थान हाईकोर्ट ने अपने आदेश में विधानसभा अध्यक्ष से कहा था कि बसपा के 6 विधायकों के 'विलय' के खिलाफ दायर अयोग्यता की याचिका पर तीन महीने के भीतर फैसला किया जाए. मामले में बसपा की दलील है कि वो नेशनल पॉलिटिकल पार्टी है. किसी दूसरी पार्टी के साथ विलय का फैसला राज्य की यूनिट नहीं कर सकती. पार्टी संविधान के मुताबिक, राष्ट्रीय इकाई ही पार्टी के विलय का फैसला कर सकती है.
क्या है मामला
मालूम हो कि राजस्थान विधानसभा 2018 चुनाव में बसपा के टिकट पर 6 विधायक जीते थे. लेकिन बाद में ये सभी कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए. इन विधायकों ने कुछ समय बाद ही कांग्रेस में विलय का आवेदन कर दिया और विधानसभा अध्यक्ष ने इस संबंध में आदेश दे दिए. इस विलय को चुनौती देते हुए बीजेपी नेता मदन दिलावर ने कहा था कि इन 6 विधायकों का कांग्रेस में विलय असंवैधानिक है. ऐसे में इस मसले पर कोर्ट में सुनवाई चल रही है.
बसपा विधायकों के 'विलय' को गलत बताते हुए बीजेपी नेता मदन दिलावर ने राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी. इसके साथ ही दिलावर की ओर से सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका लगाई थी. गौरतलब है कि अगर सुप्रीम कोर्ट राजस्थान की कांग्रेस सरकार के खिलाफ फैसला सुनाता है तो गहलोत सरकार के लिए यह बड़ा झटका होगा.
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