राजस्थान में स्वाइन फ्लू महामारी का रूप लेता जा रहा है. लगातार पैर पसार रहे इस बीमारी की वजह से अब तक राज्य में 226 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि पिछले एक महीने में सिर्फ जयपुर में 72 लोगों की इस बीमारी से मौत हुई है.
सरकार का दावा है कि इस बीमारी से बचने की दवा टेमी फ्लू बेचने के लिए 17 दुकानों को लाइसेंस दिया गया है, लेकिन जब आज तक की टीम ने इन दुकानों का जायजा लिया तो पता चला कि इन दुकानों पर टेमी फ्लू उपलब्ध ही नहीं है. टीम अलग अलग सरकारी अस्पतालों के दुकानों में भी पहुंची तो वहां के हालात भी कुछ वैसे ही थे. कई दुकानों पर मास्क तक नहीं थे.
सरकारी अस्पताल के अधिकारियों से जब इस बाबत पूछा गया तो उनका जवाब था कि फिलहाल मास्क की कमी है और दवा के अभाव की वजह से लोगों को दुकान से दवा नहीं मिल पा रही है. इस बीमारी से लड़ने के लिए दिल्ली से भी एक टीम बुलाई गई है. वसुंधरा राजे ने इसके लिए एक टास्क फोर्स भी बनाया है जो पूरे मामले पर नजर रखे हुए है.
हालांकि, सच तो यह है कि सरकारी महकमा मामले में देर से जागा है. मौत का आंकड़ा जब बढ़ने लगा तब जाकर सरकार की नींद टूटी है. लेकिन इन सब के बावजूद दवाओं की कमी एक गंभीर मुद्दा है. दवाओं की कमी अगर ऐसी ही बनी रही तो इस बीमारी से जूझ रहे लोगों के लिए ये खतरनाक साबित हो सकता है.