साल 2018 का आखिरी पखवाड़ा माउंट आबू में हड्डियां जमा देने वाला साबित हो रहा है. आबू की इन वादियों में सर्दी ऐसे जिद किए बैठी है कि न्यूनतम तापमान बीते एक सप्ताह से माइनस और जीरो पर अटका पड़ा है. वही अधिकतम पारा भी 20 और 21 डिग्री के बीच ही ठहर सा गया है. न्यूनतम पारे की इस गिरावट और सर्दी के तीखे तेवरों ने जिले भर को ठिठुरा कर रख दिया है. माउंट आबू में ओस की बूंदे जमने लगी है. खुले मैदानों, फसलों के साथ झील में खड़ी नावों की सीट और कार की छतों पर ओस की बूंदें बर्फ बन जा रही है. शनिवार सुबह को यहां न्यूनतम पारा जीरो डिग्री दर्ज किया गया है जबकि अधिकतम तापमान 21 डिग्री रहा.
आबू के मैदानी इलाकों में भी सर्दी के इन तेवरों को साफ तौर पर महसूस किया जा सकता है. आलम ये है कि सिरोही शहर के मंदिरों में विराजमान बांके बिहारी और राधा रानी की मूर्तियों ने भी सर्दी के गर्म वस्त्र धारण कर लिए हैं. इधर भगवान के भक्तों के गले से भजनों के स्वर अलाव की तपिश लेकर ही निकल पा रहे हैं.
इस तेज सर्दी से बचने के लिए लोग गर्म दूध और चाय में राहत ढूंढते नज़र आ रहे हैं. मंदिर के पुजारी ने कहा - "धनुर्मास चालु हो गया है 17 तारीख से और सर्दी भी बढ़ गयी है...साथ साथ में यह धनुर्मास एक महीना तक चलता है जो मकर संक्रांति को पूरा होता है, इसमें नाना प्रकार के भोग लगाये जाते हैं. भगवान को और गर्म वस्त्र पहनाए जाते हैं. जिस प्रकार हम लोगों को सर्दी लगती है उसी प्रकार भगवान को भाव से ऊनी वस्त्र पहनाते हैं'
स्थानीय निवासी भी ठंड से परेशान हैं. एक स्थानीय शख्स का कहना है कि माउंटआबू में बहुत ठण्ड है...मुंह से धुआं निकल रहा है...गाडियों पर ओस जम रही है...पिछले एक हफ्ते से सर्दी ज्यादा है..पारा माइंनस में ही जा रहा है. बता दें कि माउंट आबू राजस्थान का इकलौता हिल स्टेशन है. हालांकि ठंड बेशक हड्डियां जमा रही है लेकिन नए साल पर धमाल करने लिए यहां अभी से सैलानियों का जमावड़ा शुरु हो गया है.