देश में सबसे गरीब कौन है? आखिर इसकी पहचान कैसे हो सकती है. राजस्थान के एक रिटायर्ड टीचर ने प्रधानमंत्री दफ्तर को एक लाख रुपए की सहायता राशि भेजकर कहा कि इस राशि को देश के सबसे गरीब 100 लोगों की पहचान कर उनमें से किसी एक को दे दी जाए.
लेकिन, प्रधानमंत्री दफ्तर ने इसे प्रधानमंत्री कोष में जमा करवा दिया. मगर जब इन्होने कहा कि प्रधानमंत्री कोष में नहीं वो किसी सबसे गरीब को ये पैसा देना चाहते हैं तो पीएमओ ने इनका चेक ये कहते हुए लौटा दिया कि देश में सबसे गरीब की पहचान करने का कोई तरीका नहीं है.
देश की सरकार को ये पता नहीं है कि देश में सबसे गरीब 100 लोग कौन हैं और न हीं वो ये पता चला सकती है. ये जवाब प्रधानमंत्री कार्यालय ने राजस्थान के सीकर के दातारामगढ़ के सीनियर सेकेंडरी स्कूल के रिटायर्ड शिक्षक दीपचंद शर्मा को लिखा है. दीपचंद शर्मा ने पहले तो आरटीआई के तहत मुख्य सूचना आयुक्त के दफ्तर से देश के 100 गरीबों की लिस्ट चाही जिसका जवाब उन्हें नहीं आया.
फिर इन्होंने एक लाख की अपनी तनख्वाह की बचत राशि प्रधानमंत्री कार्यालय को एक चिट्ठी के साथ भेज दी कि देश के सबसे ज्यादा किसी गरीब को ये वो राशि दे दें और उसका नाम बता दें ताकि वो उसका आगे भी देखभाल कर सकें. लेकिन, प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस राशि को प्रधानमंत्री राहत कोष में जमा कर लिया और उसकी रशीद इन्हें भेज दी.
जब ये नाराज हुए कि प्रधानमंत्री कोष में तो उद्योगपति पैसा डाल हीं रहे हैं तो मेरा पैसा क्यों डाला? जब हमने देश के सबसे गरीब व्यक्तियों में से किसी को देने को कहा था. तो पीएमओ ने फोन कर कहा कि हम गरीब को ही दे देते हैं. राशि लेकिन हम गरीब का नाम नहीं बता सकते. शर्मा जब जिद पर अड़ गए तो उन्होंने एक लाख रुपए का इनका ड्राफ्ट बनाकर पैसा लौटा दिया.
दीपचंद को 13000 रु. की मीसा पेंशन इमरजेंसी में जेल जाने की वजह से और 18000 की पेंशन शिक्षक की बरसों की नौकरी की वजह से मिलता है. नाराज शर्मा ने मुख्य सूचना आयुक्त के यहां मुकदमा दर्ज किया है कि मेरा पैसा प्रधानमंत्री कोष में बिना पूछे क्यों जमा करवाया? इसके लिए पीएमओ दंड दे.
लेकिन मुख्य सूचना आयुक्त को पीएमओ ने लिखा है कि किसी ने शर्मा की चिट्ठी को ठीक से पढ़ा नहीं और उसका अर्थ नहीं समझ पाया. अब शर्मा का पैसा लौटा दिया गया है इसलिए इस मामले को खत्म कर दिया जाए. लेकिन शर्मा का कहना है कि 30 दिन के अंदर पीएमओ ने जवाब नहीं दिया कि उन्होंने सबसे गरीब व्यक्ति का पैसा प्रधानमंत्री कोष में क्यों जमा करवाया?
शर्मा जवाब नहीं मिलने की वजह से नियमों के तहत पीएमओ से जुर्माना चाहते हैं. पीएमओ की तरफ से इन्हें बताया गया कि फोर्ब्स अमीरों की लीस्ट तैयार करती है लेकिन गरीबों की कोई सूची नहीं है. फोर्ब्स के अनुसार 84 भारतीय सबसे अमीर है जिसमें 58 साल के रिलायंस कंपनी के चेयरमैन मुकेश बानी 19.3 बिलियन डॉलर के साथ पहले नंबर पर हैं.
2012 के सरकारी आंकड़ों के अनुसार 363 मिलियन लोग गरीब हैं यानि देश की जनसंख्या के करीब 29.5 फीसदी गरीब हैं जो दुनिया में सबसे ज्यादा हैं. शर्मा के बेटे-बेटी दिल्ली में टीचर हैं और पूरे परिवार को गीता याद है. ये दान का काम करते रहते हैं.