हिंदी और अंग्रेजी साहित्य के तर्ज पर अब राजस्थान में उर्दू साहित्य भी पढ़ाया जाएगा. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने घोषणा की है कि राज्य के 7 महाविद्यालयों में उर्दू साहित्य कोर्स के रूप में शामिल किया जाएगा. जैसलमेर, भरतपुर, अजमेर और नागौर के राजकीय महाविद्यालयों में उर्दू साहित्य का कोर्स अगले सत्र से शुरू किया जाएगा.
इसके लिए जल्दी ही कॉलेजों में इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार कर उर्दू के लेक्चरर और प्रोफेसरों की नियुक्ति की जाएगी साथ ही उर्दू साहित्य का सिलेबस भी तैयार किया जाएगा.
गौरतलब है कि इसके पहले बीजेपी की सरकार के दौरान राज्य के करीब 28 उर्दू मीडियम स्कूल बंद कर दिए गए थे. साथ ही उर्दू पढ़ाने वाले शिक्षकों को दूसरे विषय के टीचर के रूप में दूसरे स्कूलों में ट्रांसफर कर दिया गया था.
मुस्लिम संगठनों ने इसका जमकर विरोध कर कहा था की उर्दू मीडियम के स्कूल बंद करने से बच्चे मदरसों की तरफ जाएंगे और सरकारी स्कूलों में नहीं आएंगे. कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद वापस से उर्दू मीडियम के स्कूल शुरू किए गए हैं लेकिन अब स्कूलों के साथ-साथ उर्दू साहित्य के विषय कॉलेज में भी शुरू किए जा रहे हैं.
आपको बता दें कि 2015 में राजस्थान सरकार ने कोटा में करीब 42 उर्दू टीचर्स का ट्रांसफर स्कूलों में संस्कृत पढ़ाने के लिए कर दिया था. उस वक्त मामले की चारों ओर आलोचना होने पर एजुकेशन डिपार्टमेंट ने सफाई पेश कर गलती मानी थी और उसे सुधारने की बात कही थी.