राजस्थान के अजमेर में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के दरगाह पर लगने वाले उर्स मेले की परंपरा इस बार टूट जाएगी. जिला प्रशासन ने अंजुमन और दरगाह कमेटी से आग्रह किया कि समय रहते मेले पर पाबंदी की जाए और इसकी सूचना जायरीनों तक पहुंचाई जाए.
जिला मजिस्ट्रेट प्रकाश राजपुरोहित की अध्यक्षता में ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 809वें उर्स के संबंध में बैठक का आयोजन मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में हुआ. इसमें पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप भी उपस्थित रहे.
जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण राज्य सरकार द्वारा गाइडलाइन जारी की गई है. सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप ही धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा सकता है. ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 809वें उर्स के दौरान समस्त रस्में आयोजित होंगी. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के संबंध में जारी दिशा-निर्देशों के अंतर्गत भीड़ नहीं जुटने देना है. इस कारण कायड़ विश्राम स्थली को बंद रखा जाएगा.
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जिला मजिस्ट्रेट प्रकाश राजपुरोहित ने कहा कि दरगाह से जुड़े समस्त व्यक्तियों एवं संस्थाओं द्वारा यह प्रयास किया जाएगा कि उर्स के दौरान कम से कम व्यक्ति अजमेर आएं. वृद्धों और बच्चों को संक्रमण से बचने के लिए यात्रा नहीं करनी चाहिए. वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए उर्स के आयोजन की संभावना कम है.
उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न क्षेत्रों से जायरीन को लाने वाली बसों के ऑपरेटर्स को भी बसों की बुकिंग नहीं करने के संबंध में सूचित किया जाएगा. रेलवे की ऑनलाइन आरक्षण प्रणाली में भी अजमेर से संबंधित टिकट बुक कराते समय उर्स के आयोजन नहीं होने की सूचना का पॉप अप शुरू करने के लिए संबंधित अधिकारियों से संवाद किया जाएगा.