फर्जी एनकाउंटर के मामलों में जेल से बाहर आए गुजरात के पूर्व आईपीएस डीजी वंजारा सुर्खियों में रहने का कोई मौका नही छोड़ना चाहते हैं. वंजारा जोधपुर की सेंट्रल जेल मे बंद आसाराम से मिलने का ऐलान कर पिछले दो दिनों से जोधपुर में डेरा डाले हुए थे, लेकिन जब सेंट्रल जेल पंहुचे तो जेल प्रशासन ने जेल नियमों का हवाला देते हुए वंजारा को आसाराम से मुलाकात नही करने दी.
आसाराम ने नहीं दिया मिलने का समय
डीजी वंजारा ने कुछ लोगों पर पर्दे के पीछे रहकर हिंदू धर्म को बदनाम करने का षडयंत्र रचने का आरोप लगाया. साथ ही उनकी अर्जी पर जेल में बुलाने और इसके बाद मुलाकात नहीं करवाने पर कड़ी नाराजगी भी जताई. हालांकि जेल प्रशासन का कहना है कि वंजारा बिना इजाजत लिए पहुंचे थे. आसाराम ने इस सप्ताह किसी और को मिलने का समय दिया था, वंजारा को नही दिया था. सूत्रों के अनुसार खुद जमानत के लिए जेल में हाथ पैर मार रहे आसाराम वंजारा की खराब छवि से खुद को नही जोड़ना चाहते हैं.
आसाराम को झूठा फंसाया गया: बंजारा
वंजारा ने जेल के बाहर पत्रकारों से कहा कि वह जेल प्रशासन से अनुमति मिलने के बाद ही यहां आसाराम से मिलने के लिए आए थे, लेकिन अब जेल प्रशासन ने नियमों की दुहाई देते हुए कहा कि आसाराम से एक सप्ताह के भीतर एक ही व्यक्ति ही मिल सकता है. और इस सप्ताह की एक मुलाकात हो चुकी है, इसलिए हम आपकी मुलाकात नही करवा सकते. वंजारा ने कहा कि आसाराम को इस मामले मे झूठा फंसाया गया है और यह उसी साजिश का हिस्सा है जो हिंदू धर्म के खिलाफ पिछले 70 सालों से चल रही है.
बंजारा ने राजनीति में आने के दिए संकेत
पूर्व आपीएस वंजारा ने न्यायपालिका मे पूरा विश्वास जताते हुए कहा कि हम आसाराम मामले को लोक अदालत यानि जनता के बीच लेकर जाएंगे. बंजारा ने कहा कि कुछ लोग कानून के मुखोटे के पीछे रहकर हिंदू धर्म के विरुद्ध साजिश रच रहे है. वंजारा ने राजनीति मे आने के संकेत देते हुए कहा कि मैं जब से जेल से बाहर आया हूं, तभी से सार्वजनिक क्षेत्र मे काम कर रहा हूं और आगे भी जनता के बीच रहकर राष्ट्र हित में काम करता रहूंगा.
आसाराम को पक्ष में करने की कोशिश
आईजी वंजारा को भले ही आसाराम से मुलाकात नहीं करने दी गई हो लेकिन जेल के बाहर बंजारा ने जिस तरह आसाराम का समर्थन करते हुए उनके विरुद्ध साजिश रचने की बात कही उसने एक बार फिर इस बहस को हवा दे दी कि बंजारा राजनीति में जाना चाहते हैं और इसके लिए खुद की कट्टर हिंदूवादी छवि का इस्तेमाल करना चाहते हैं. गुजरात में आसाराम के शिष्यों की संख्या को देखते हुए आसाराम से मिलने की जुगत में लगे हैं.
जमानत पर हैं बंजारा
वंजारा पर इशरत जहां के अलावा सोहराबुद्दीन और तुलसी प्रजापति के फर्जी एनकाउंटर का भी आरोप है. सोहराबुद्दीन एनकाउंटर में तो राजस्थान के आईपीएस अधिकारी दिनेश एनएम भी जमानत पर आए हैं, जबकि राज्य के गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया भी इसी मामले में जमानत पर हैं.