ललित मोदी मामले को लेकर घिरीं राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे शुक्रवार को कोर्ट में पेश नहीं हुईं और न ही उन्होंने कोई हलफनामा दिया. राजस्थान बीजेपी के अध्यक्ष अशोक परनामी ने एक बयान में इस बात की पुष्टि की है.
दरअसल, आईपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी की मदद के लिए ब्रिटिश कोर्ट में वसुंधरा के हस्ताक्षर वाला लेटर पेश किए जाने के मामले में शुक्रवार को सुनवाई होनी थी. प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष अशोक परनामी ने कहा कि सुनवाई में वसुंधरा को अपना पक्ष रखना था, लेकिन वह न तो कोर्ट में पेश हुईं और न ही इस संबंध में कोई हलफनामा दिया.
इतना ही नहीं, इस्तीफे की मांग के बीच वसुंधरा ने शुक्रवार को अपना दिल्ली दौरा भी रद्द कर दिया है. उन्हें नीति आयोग की बैठक में हिस्सा लेना था.
संघ की पसंद है कोई और!
संघ के सूत्रों की मानें तो कभी भी वसुंधरा को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है. नेशनल जनरल सेक्रेटरी से हाल ही में बीजेपी उपाध्यक्ष बने ओम प्रकाश माथुर को वसुंधरा की जगह राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है. आरएसएस में भी ज्यादातर लोगों का मानना है कि वसुंधरा को इस्तीफा दे देना चाहिए. संघ के सीनियर नेताओं में इस बात पर चर्चा चल रही है कि वसुंधरा किस समय इस्तीफा दें, जिससे पार्टी को सबसे कम नुकसान हो.
वसुंधरा का इस्तीफे से इनकार
इस्तीफे का दबाव झेल रहीं राजस्थान की मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार महेंद्र भारद्वाज ने गुरुवार को प्रेस रिलीज जारी की और टीवी चैनलों को खुद से जुड़ी खबरों के लिए कसूरवार बताया. इस प्रेस रिलीज में खुद के पक्ष में विधायकों के सामने आने, केंद्रीय नेतृत्व को इस्तीफे से इनकार करने और मान-मनौव्वल के लिए मंत्रियों के दिल्ली जाने जैसी खबरों को झूठा बताया गया है.