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मेरी निगाह जीत के जश्न पर नहीं 25 लोकसभा सीटों पर हैः वसुंधरा राजे सिंधिया

राजस्थान में रेकॉर्ड तोड़ जीत हासिल करने वाली बीजेपी नेता वसुंधरा राजे का कहना है कि वह अभी इस कामयाबी पर इतरा नहीं सकतीं क्योंकि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में प्रदेश की सभी 25 सीटें जीतने का लक्ष्य बाकी है.

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वसुंधरा राजे
वसुंधरा राजे

राजस्थान में रेकॉर्ड तोड़ जीत हासिल करने वाली बीजेपी नेता वसुंधरा राजे का कहना है कि वह अभी इस कामयाबी पर इतरा नहीं सकतीं क्योंकि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में प्रदेश की सभी 25 सीटें जीतने का लक्ष्य बाकी है.

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चुनाव जीतने के बाद अपने पहले एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में वसुंधरा ने साफ किया कि वह अपने राजनीतिक विरोधी अशोक गहलोत की तरह बदले की भावना से काम नहीं करेंगी. इसके साथ ही राजे ने यह भी कहा कि गहलोत सरकार की मुफ्त में चीजें बांटने की स्कीम से वह सहमत नहीं हैं और इसके बदले कुछ ऐसा करने को प्राथमिकता दी जाएगी, जिससे राज्य का दीर्घकालिक विकास हो.

क्या राजे ने इतने प्रचंड बहुमत की उम्मीद की थी. इस सवाल पर वह बोलीं कि हमारे उम्मीदवारों को भरोसा था कि बीजेपी की टैली 150 के पार जाएगी. मगर मेरा उनसे बार बार यही कहना था कि अति आत्मविश्वास का शिकार होन के बजाय वे कड़ी मेहनत करें. मैंने इंडिया टुडे से पिछले इंटरव्यू में यह बात कही थी कि 125 सीटें आना तय है.

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इस सफलता का श्रेय बुजुर्गों, महिलाओं, युवाओं और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ नरेंद्र मोदी और राजनाथ सिंह को देते हुए वसुंधरा ने संकेत कर दिया कि वह आलाकमान से टकराने के बजाय इस बार आपसी सहमति से सरकार चलाने के मूड में हैं.वैसे भी इस सफलता के बाद हाल फिलहाल उनके नेतृत्व पर चुनौती की बात सोचना दूर की कौड़ी ही साबित होगा.

राज्य की बुरी आर्थिक स्थिति पर वसुंधरा बोलीं कि यह मेरे लिए कुछ नया नहीं है. जब मैं 2003 में मुख्यमंत्री बनी थी, तब भी मुफ्त की बेकार स्कीमों और बुरे आर्थिक प्रबंधन के चलते कुछ ऐसा ही हाल था. मगर हमें इन्हीं सबके बीच राजस्थान को बेहतर बनाना है.इतना कहने के बाद वसुंधरा यह भी बोलीं कि मैं बदले की भावना से कतई काम नहीं करूंगी. गहलोत सरकार की जो योजनाएं ठीक हैं, उन्हें बेहतर ढंग से लागू किया जाएगा.

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