सुप्रीम कोर्ट के हाईवे किनारे 500 मीटर की दूरी तक शराब की दुकान नहीं खोलने के आदेश से पार पाने के लिए जहां आधा दर्जन राज्यों ने सुप्रीम कोर्ट में रिविजन पेटिशन लगाई है, वहीं राजस्थान सरकार ने शराब की कमाई बचाने का अनोखा रास्ता निकाला है. स्टेट हाईवे के उन इलाकों को डिनोटिफाई कर स्टेट हाईवे से अरबन रोड बना दिया है जहां पर शराब की दुकाने हैं. आजतक के पास राज्य सरकार के पीडब्लूडी विभाग के इस तरह के हाईवे के अंदर अरबन रोड बनाने के लिए डिनोटिफाई किए गए सड़कों की सूची है.
जयपुर से जोधपुर का मेगाहाईवे, जहां पर 30 मीटर से कम की दूरी पर शराब की दुकान है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के तहत ये शराब की दुकान बंद होने वाली थी मगर अब ये हाईवे किनारे की शराब दुकान बंद नहीं होगी. राजस्थान सरकार के पीडब्लूडी विभाग ने जयपुर के चोमू पुलिया से ग्राम कालावाड़ के बीच 20 किमी. के इस हाईवे को अरबन रोड घोषित कर दिया है. इसी तरह से राजस्थान के दर्जनों जिलों में सरकार ने हाईवे की परिभाषा हाईवे के अंदर ही 2 से 30 किमी तक बदल दी है. यानि अब इस सड़क पर बेरोकटोक शराब की दुकानें खुल सकती हैं. सुप्रीम कोर्ट के नेशनल और स्टेट हाईवे के 500 मीटर के अंदर शराब की दुकानें नहीं खोलने का आदेश राजस्थान में हाईवे किनारे सैकड़ों दुकानों पर नहीं लागू होगा.
तुम डाल-डाल, मैं पात-पात. यह कहावत आबकारी विभाग पर सटीक बैठ रही है. सर्वोच्च न्यायालय ने शराब की दुकानों को राजमार्गों से 500 मीटर की दूरी पर लगाने का आदेश दिया तो आबकारी विभाग ने सार्वजनिक निर्माण विभाग से पत्राचार कर शहरी क्षेत्र के राजमार्गों का दर्जा ही समाप्त करवा दिया. सार्वजनिक निर्माण विभाग ने प्रदेश में 25 राजमार्गों का दर्जा खत्म कर शहरी मार्ग घोषित कर दिया है. इसमें बालोतरा शहर में राज्य राजमार्ग-28ए का 6 किलोमीटर का हिस्सा शामिल है. इस पर अब दर्जन भर शराब दुकानों का संचालन हो सकेगा.
बाड़मेर जिले के जिला आबकारी अधिकारी देवेंद्र सिंह के अनुसार सरकार ने सार्वजनिक निर्माण विभाग ने प्रदेश में 21 राजमार्गों का दर्जा खत्म कर शहरी मार्ग घोषित किया है. इसमें बालोतरा शहर में राज्य राजमार्ग-28ए का 6 किलोमीटर का हिस्सा शामिल है. जिसमें हम शराब की दुकान खोल सकते हैं. मगर राजस्थान के पीडब्लूडी मंत्री युनूस खान कह रहे हैं कि हाईवे किनारे शराब की दुकान नहीं खोलने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन होगा. पीडब्लूडी विभाग का अपना अजीबोगरीब तर्क है कि इन जगहों पर आबादी हो गई है इसलिए लोकल बडी इन सड़कों की देखभाल कर सकते हैं.
दरअसल राजस्थान में शराब से कमाई सरकार का बड़ा जरिया है. 2015-16 में एक्साईज डिपार्टमेंट की शराब बिक्री से आमदनी 6,700 करोड़ थी जबकि 2017-17 का टारगेट 7,300 करोड़ है. इसीलिए शराब की बिक्री से होने वाली आमदनी को देखते हुए सरकार ने राज्य के 16 जिलों से गुजरने वाले 21 स्टेट हाईवे के 3029 किमी. के एरिया में से 190 कि.मी. के एरिया को डिनोटिफाई कर अरबन रोड बना दिया है.
राजस्थान सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से परेशान होने वाला अकेला राज्य नही है. तेलंगना ने सुप्रीम कोर्ट से सितंबर तक की डेडलाइन के लिए लिखा है तो केरल ने इस पर पुनर्विचार करने की याचिका सुप्रीम कोर्ट में लगा दी है.