राजस्थान की वसुंधरा सरकार अब पूरी तरह से चुनावी मोड़ में आ गई है. 4 अगस्त से राजस्थान की सरकार 40 दिन तक चुनावी रथ से चलेगी. वसुंधरा राजे अपनी राजस्थान गौरव यात्रा की शुरुआत उदयपुर संभाग के चारभुजा नाथ मंदिर से कर रही हैं. वहीं राजस्थान प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष सचिन पायलट ने इस 'राजस्थान गौरव यात्रा' में मुख्यमंत्री पर इसके लिए सरकारी धन के दुरुपयोग का आरोप लगाया है.
गौरव यात्रा का समापन 30 सितंबर को अजमेर में होगा. यह यात्रा 40 दिनों तक चलेगी जिसे बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह झंडा दिखाकर रवाना करेंगे और समापन करवाने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आएंगा.
हर एक संभाग के लिए अलग-अलग तारीख तय की गई है. राजस्थान की 200 विधानसभा सीटों में से 165 विधानसभा क्षेत्रों में यात्रा गुजरेगी और 6054 किलोमीटर की दूरी तय करेगी. 40 दिन तक मुख्यमंत्री समेत सभी मंत्री सचिवालय से दूर रहेंगे. इस दौरान रथ से ही मुख्यमंत्री के जरूरी दिशा निर्देश अफसरों तक पहुंचेंगे. इस दौरान सीएम प्रदेश भर में 134 आम सभाएं करेंगी. 371 जगह यात्रा के स्वागत के कार्यक्रम तय किए गए हैं.
सरकारी धन का दुरुपयोग
वहीं प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष सचिन पायलट ने वसुंधरा राजे की 'राजस्थान गौरव यात्रा' में मुख्यमंत्री पर इसके लिए सरकारी धन के दुरुपयोग का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा, 'यह राजनीतिक यात्रा है, लेकिन सरकार इसमें करदाताओं के धन का इस्तेमाल कर रही है.'
कांग्रेस नेता ने इस बारे में राज्य सरकार द्वारा सार्वजनिक निर्माण (पीडब्ल्यूडी) विभाग को दिए गए उस निर्देश का जिक्र किया जिसमें उससे मुख्यमंत्री की जनसभाओं के लिए टेंट सहित अन्य व्यवस्थाएं करने को कहा गया है. पायलट ने कहा कि यह करदाताओं के धन का दुरुपयोग है.
उन्होंने कहा,' सार्वजनिक निर्माण विभाग को जनसभाओं के दौरान टेंट व अन्य व्यवस्थाएं करने को कहा गया है. भाजपा कोई भी राजनीतिक यात्रा निकाल सकती है, लेकिन उसका खर्च सार्वजनिक धन से क्यों हो.'
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेस इस राजनीतिक आयोजन को करीब से देख रही है ताकि सार्वजनिक धन व सरकारी मशीनरी के किसी दुरुपयोग पर निगाह रखी जा सके. जरूरत पड़ने पर इस बारे में निर्वाचन आयोग में शिकायत भी की जाएगी.
एक आदेश के अनुसार सार्वजनिक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता ने इस यात्रा के दौरान होने वाली जनसभाओं में टेंट व अन्य व्यवस्थाओं की देखरेख के लिए चार अधिकारियों की समिति बनाई है.
(पीटीआई-भाषा से इनपुट के साथ)