राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सोमवार को एक बार फिर राजस्थान के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने पहुंचीं. जालोर के हेलीपैड पर ही सारे अधिकारियों की मीटिंग ली और उफनते बाढ़ के पानी का जायजा लिया.
सीएम राजे ने बाढ़ के हालात को जानने के लिए अधिकारियों के साथ बैठक की और राहत व बचाव कार्यों की समीक्षा भी की. जालोर स्टेडियम में मीडिया से भी रूबरु होते हुए राजे ने कहा कि बाढ़ से प्रभावित हुए इलाकों में राहत पहुंचाना हमारा मकसद है. सरकार हर संभव मदद कर रही है. राजे ने बताया कि करीब 11000 लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है. 46 लोगों को वायु सेना ने एयर लिफ्ट किया है.
इसके बाद बाढ़ पीड़ितों के बीच पहुंचीं वसुंधरा लोगों की हालत देखकर भावुक हो गईं. वसुंधरा ने लोगों से कहा कि आपका दर्द हमारा दर्द है और आपके आंसू हमारे आंसू हैं. लोगों को ढांढ़स बंधाते हुए कहा कि जब से बाढ़ के हालात पैदा हुए हैं तब से वो एक पल के लिए बैठी नहीं है और लगातार जयपुर में बैठकर लोगों के राहत के लिए काम कर रही हैं.
उन्होंने कहा कि संचार व्यवस्था खत्म होने की वजह से ऑफ लाइन राशन बांटने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही केंद्र सरकार को किसान फसल बीमा योजना की तारीख 31 जुलाई से एक महीना बढ़ाने के लिए पत्र भेजा जाएगा. इस मौके पर अधिकारियों से कहा गया कि हर साल के बाढ़ का किस्सा बंद हो इसके लिए उपाय की योजना बनाएं ताकि ये राजस्थान में आखिरी बाढ़ हो.
इस दौरान सीएम राजे सीधे लेटा स्थित सांकरणा के बीच जवाई नदी के क्षतिग्रस्त पुलिया को देखने पहुंची. उन्होंने क्षतिग्रस्त पुलिया को अति शीघ्र ठीक करवाने के लिए जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए. राजे ने पाली, सिरोही और बाड़मेर के भी दौरे किए.
दूसरी तरफ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट भी बाढ़ प्रभावित दौरे पर लोगों के बीच पहुंचे. पायलट जालोर और बाड़मेर के दौरे के बाद मंगलवार को सिरोही के दौरे पर भी जाएंगे. पायलट ने आरोप लगाया कि हजारों लोगों को सरकार ने भगवान भरोसे छोड़ दिया है.
पाली और जालोर में लोगों तक अबतक सरकार की तरफ से सहायता नहीं पहुंची है. गायों के मरने पर भी पायलट ने सवाल उठाए कि सरकार ने वक्त रहते गोशालाओं को मदद क्यों नहीं की. पायलट ने राजस्थान सरकार से बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए मुआवजे की मांग की.