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राजस्थानः MP से सटे जिलों में पानी का कहर, 39 साल बाद कोटा में भीषण बाढ़

मध्य प्रदेश से सटे सूबे के जिलों में जलप्लावन परेशानी का सबब बन गया है, वहीं 39 साल बाद कोटा में इस कदर पानी आया है कि हजारों लोग बाढ़ की चपेट में हैं.

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कोटा में बाढ़ का कहर (संजय वर्मा)
कोटा में बाढ़ का कहर (संजय वर्मा)

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  • लोकसभा अध्यक्ष नाव से पहुंचे बाढ़ पीड़ितों का हाल जानने
  • मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंत्रियों के साथ किया हवाई सर्वे

मध्य प्रदेश में हो रही लगातार बारिश से राजस्थान पानी-पानी हो गया है. मध्य प्रदेश से सटे सूबे के जिलों में जलप्लावन परेशानी का सबब बन गया है, वहीं  39 साल बाद कोटा में इस कदर पानी आया है कि हजारों लोग बाढ़ की चपेट में हैं. 50 हजार से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. मध्य प्रदेश में हो रही बारिश की वजह से कोटा में चंबल नदी उफान पर है.

कोटा के बैराज के 19 गेट खोल दिए गए हैं, जिसकी वजह से निचली बस्तियां पानी में डूब गई हैं. हालांकि एनडीआरएफ और सेना की टीम लगातार लोगों को बाहर निकालने और राहत पहुंचाने के काम में लगी हुई है. हर एक व्यक्ति के घर खाने-पीने का सामान भेजा जा रहा है .जो वहां से निकलना चाह रहे हैं, उनको निकाला जा रहा है और जो अपने घरों में ऊपर की मंजिलों पर रुके हुए हैं, वहां तक खाने-पीने की सुविधा पहुंचाई जा रही है. बीसलपुर से 6.70 क्यूसेक पानी की निकासी हो रही है .

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लोकसभा अध्यक्ष ने जाना हाल

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला नाव में बैठकर कुन्हाड़ी ,बापूनगर और नयापुरा के इलाकों में बाढ़ का जायजा लेने पहुंचे. उन्होंने लोगों से बात की और किए जा रहे इंतजामों की जानकारी ली. लोकसभा अध्यक्ष ने अपनी तरफ से शहर के सभी इलाकों में खाने-पीने के मुफ्त इंतजाम करवाए हैं. जहां पर खाना खिलाने के लिए गाड़ियां पूरे शहर में घूम रही हैं. वहीं नाव पर सवार होकर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता घरों तक पहुंचकर खाना खिला रहे हैं.

मुख्यमंत्री ने किया हवाई सर्वेक्षण

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, शहरी विकास मंत्री शांति धारीवाल और आपदा राहत मंत्री भंवरलाल मेघवाल के साथ आज बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया. मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि बाढ़ से हुई क्षति का आकलन करवा रहे हैं, उसके बाद इन इलाकों के लिए मुआवजे की घोषणा की जाएगी. कोटा में पिछले 2 दिनों में हालात बिगड़े हैं. पानी इतना है कि दूसरी मंजिल का आधा हिस्सा तक पानी में डूब गया है.

यह इलाके भी हैं चपेट में

कोटा के अलावा राजस्थान के बूंदी, धौलपुर, बांसवाड़ा, झालावाड़, सवाई माधोपुर, करौली, प्रतापगढ़ और चित्तौड़गढ़ जैसे इलाके भी बाढ़ की चपेट में हैं. चित्तौड़गढ़ में सेना ने अचानक बाढ़ का पानी भर जाने से स्कूल में फंसे छात्रों को निकाला. धौलपुर के राजाखेड़ा में आधा दर्जन गांवों को खाली कराया गया है और 70 स्कूलों को अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है.

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इसी तरह से झालावाड़ में स्कूलों की छुट्टियां कर दी गई है. यहां 8 गांव के सैकड़ों लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है. हालांकि बांसवाड़ा में शहरी इलाकों में पानी नहीं घुसा है मगर ग्रामीण इलाकों में पानी घुसने से गढ़ी इलाके में 85 मकान गिर गए हैं और खेतों की फसलें बर्बाद हो गई हैं. प्रतापगढ़ में भी लगातार हो रही बारिश की वजह से कई इलाके जिला मुख्यालय से कट गए हैं. प्रतापगढ़ में भी 14 लोगों को एनडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू करके सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया.

मौसम विभाग के अलर्ट ने दी राहत

राहत की बात यह है कि मौसम विभाग ने अगले दो दिन मध्य प्रदेश में बारिश नहीं होने का अनुमान जताया है. यह राजस्थान के बाढ़ प्रभावित इलाकों के लिए राहत भरी खबर है. पानी निकालने के लिए प्रशासन इंतजामों में लगा हुआ है. बाढ़ प्रभावित इलाकों के सभी सरकारी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं और अस्पतालों में डॉक्टरों की संख्या बढ़ा दी गई है.

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