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फेसबुक, व्हाट्स एप्प की मदद से 40 साल बाद मिला बिछड़ा परिवार

झीलों के शहर उदयपुर के मदार गांव में उस समय चारो और खुशी का माहौल हो गया, जब 40 साल से अपने परिवार से बिछड़ने का दर्द झेल रहा एक मानसिक विक्षिप्त व्यक्ति अपने गांव पहुंचा और अपने परिजनों से मुकालात की.

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Symbolic Image
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झीलों के शहर उदयपुर के मदार गांव में उस समय चारो और खुशी का माहौल हो गया, जब 40 साल से अपने परिवार से बिछड़ने का दर्द झेल रहा एक मानसिक विक्षिप्त व्यक्ति अपने गांव पहुंचा और अपने परिजनों से मुकालात की.

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शंकर उर्फ उदा गमेती नाम के इस व्यकित को 25 साल तक सहारा देने वाले लोग जब इसे अपने गांव लेकर पहुंचे तो ग्रामीणों ने ढोल नगाडों से इनका भव्य स्वागत किया.

दरअसल, 40 साल पहले मानसिक रूप से विक्षिप्त व्यक्ति 30 वर्षीय शंकर अपना घर छोड़कर निकल गया. ऐसे में यह व्यक्ति घूमता-घूमता हरियाणा के झज्जर जिले के रहिया गाव में जा पहुंचा. हरियाणा में इस व्यक्ति की देखभाल राजनीतिक संबंध रखने वाले एक व्यक्ति ने की.

संसद में सहायक सुरक्षा अधिकारी के तौर पर काम करने वाला किशन जाट नाम का व्यक्ति जब एक शादी समारोह में भाग लेने हरियाणा पहुंचा तो वहां मेवाडी भाषा सुन कर उसकी मुलाकात शंकर से करवाई. किशन ने अपने इलाके की भाषा को तुरंत पहचान लिया और फिर शंकर को अपने परिवार से मिलाने का जिम्मा उठा लिया.

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दो साल पहले किशन जाट शंकर से मिला था उसके बाद उसने पूरे मेवाड़ इलाके में शंकर नाम से पर्चे छपवाए और फेसबुक और व्हाट्सएप्प के माध्यक से उसकी फोटो कई जगह पहुंचाने की भी कोशिश की. दो साल बात किशन जाट को आखिरकार सफलता मिल ही गई और शंकर के भतीजे ने पेम्पलेट देख किशन से संपर्क किया. जानकारी मिलने के बाद उदा गमेती से उसके परिवार के ​लोग मिलने पहुंचे तो उनकी आंखों से खुशी के आंसू निकल पड़े.

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