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Maharana Pratap ताउम्र अजेय ही रहे! देखें क्या कहते हैं इतिहासकार और किताबें

Maharana Pratap ताउम्र अजेय ही रहे! देखें क्या कहते हैं इतिहासकार और किताबें

हल्दीघाटी के युद्ध (Battle of Haldighati) की जीत-हार के रिकॉर्ड पर विवाद रहा है. लेकिन इसपर कोई विवाद नहीं कि महाराणा प्रताप (Maharana Pratap) का संघर्ष मुगलों (Mughal emperor) के खिलाफ छापामार युद्ध की शुरुआत थी. यानि मैदानी इलाके में मुगलों की ज़बरदस्त ताकत पहाड़ियों में बौनी हो जाती थी. और जब पहाड़ जैसे इरादे वाले महाराणा प्रताप से मुगलों का सामना हुआ तो मुगल 6 साल की लंबी लड़ाई में उलझ गए. कुछ समय पहले राजस्थान (Rajasthan) के इतिहासकार चंद्रशेखर शर्मा ने एक शोध पत्र जारी किया था. इसके मुताबिक महाराणा प्रताप हल्दीघाटी युद्ध के बाद जमीनों के पट्टे जारी करते रहे. हल्दीघाटी युद्ध में राणा की वीरता को बीते 445 वर्षों में जनमानस भूल नहीं सका है. भले इतिहास की कुछ किताबों ने उन्हें हारा हुआ योद्धा माना हो. लेकिन अब इतिहास बदल रहा है. देखें वीडियो.

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