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केंद्र सरकार दिया लोगों को झटका, मुफ्त दवाओं की स्कीम से पल्ला झाड़ा

केंद्र सरकार ने लोगों को मुफ्त दवाएं देने की प्रस्तावित स्कीम को ठंडे बस्ते में डालकर आम आदमी को बड़ा झटका दिया है. पिछले साल 348 दवाओं को मुफ्ते देने के वादे को लगभग अंतिम रूप दे दिया गया था, लेकिन अब सरकार ने इससे पल्ला झाड़ लिया है.

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केंद्र सरकार ने लोगों को मुफ्त दवाएं देने की प्रस्तावित स्कीम को ठंडे बस्ते में डालकर आम आदमी को बड़ा झटका दिया है. पिछले साल 348 दवाओं को मुफ्ते देने के वादे को लगभग अंतिम रूप दे दिया गया था, लेकिन अब सरकार ने इससे पल्ला झाड़ लिया है. एक अंग्रेजी अखबार ने यह खबर दी है. यहां मिलेगी जरूरतमंदों को मुफ्त दवाएं

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टूटा तीन साल पुराना वादा
सबसे पहले मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री रहते 2012 में केंद्र सरकार ने मुफ्त दवाएं देने का वादा किया था. 2013 के बजट में इसके लिए प्रावधान भी किया गया. पिछले साल 348 दवाओं को मुफ्त देने के वादे को लगभग अंतिम रूप दे दिया गया. हालांकि बाद में मुफ्त दवाओं की श्रेणी को छोटा करके इसमें सिर्फ 50 दवाओं को शामिल किया और अब यह स्कीम ही गायब हो गई. 8 हजार की दवा अब एक लाख रुपये में

राज्यों के पाले में डाली गेंद
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव (पॉलिसी) मनोज झलानी ने इस खबर की पुष्टि करते हुए बताया कि मुफ्त दवाओं के लिए अब केंद्र सरकार की कोई अलग से स्कीम नहीं होगी. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत मुफ्त दवाओं का इंतजाम राज्य सरकारें करेंगी और केंद्र सरकार राज्यों की इन स्कीमों के लिए मदद करेगी.

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मोदी सरकार ने भी मोड़ा मुंह
पिछले साल अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि सभी को स्वास्थ्य की दिशा में आगे बढ़ने के लिए मुफ्त दवा और मुफ्त रोग जांच सेवा को प्राथमिकता दी जाएगी, लेकिन इस साल के बजट में इसके लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया.

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