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यूपी के सरकारी अस्पताल में नशेड़ी रिक्शेवाले के लगाए इंजेक्शन से बच्चे की मौत

यूपी के बलिया के जिला अस्पताल में एक बीमार बच्चे की मौत हो गई क्योंकि उसे नशेड़ी रिक्शेवाले ने इंजेक्शन लगाया.ये झोलाझाप डॉक्टर जो दरअसल रिक्शा चलाता है अस्पताल के चाइल्ड वॉर्ड की इमरजेंसी में तैनात था और अस्पताल के स्टाफ के कहने पर उसने ऐसा किया. अब लीपापोती हो रही है और बच्चे के घरवाले बिलख रहे हैं.

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बलिया का रिक्शाचालक डॉक्टर
बलिया का रिक्शाचालक डॉक्टर

यूपी के बलिया के जिला अस्पताल में एक बीमार बच्चे की मौत हो गई क्योंकि उसे नशेड़ी रिक्शेवाले ने इंजेक्शन लगाया.ये झोलाझाप डॉक्टर जो दरअसल रिक्शा चलाता है अस्पताल के चाइल्ड वॉर्ड की इमरजेंसी में तैनात था और अस्पताल के स्टाफ के कहने पर उसने ऐसा किया. अब लीपापोती हो रही है और बच्चे के घरवाले बिलख रहे हैं. देश को यूपी मॉडल अपनाने की सलाह देने वाले मुलायम सिंह यादव और उनके लाल यूपी के सीएम अखिलेश राज की कलई खोलती है ये शर्मनाक कहानी.

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सात महीने का था बच्चा

किसी के नाम के आगे था जुड़ने की तकलीफ वही जानते हैं, जिन्होंने अपनों को खोया. ऐसा ही हुआ बलिया के करीब के एक गांव के परिवार के साथ. उनका सात महीने का बच्चा बीमार चल रहा था. वे उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे. इमरजेंसी में दाखिल कराया. वहां उसे नशे में डूबे शख्स ने इंजेक्शन लगाया. बच्चा मर गया. परिजनों को पता चला कि इंजेक्शन लगाने वाला न तो डॉक्टर है और न ही नर्सिंग स्टाफ का मेंबर. उन्होंने हंगामा मचाया तो अस्पताल के अधिकारी आए और जांच की बात कहकर निकल लिए.

अब बच्चे की नानी कह रही हैं कि कहीं से भी मेरा बेटा ले आओ. नानी नहीं जानतीं कि मौत ममता के पार होती है और यूपी में गरीब की मौत की वैसे भी कोई कीमत नहीं रही.

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नशा नहीं करता, भांग तंबाकू पी लेता हूं बस

अब जानिए इस नशेडी डॉक्टर का नाम और काम. राजू नम का यह शख्स बरसों से जिला अस्पताल में स्टाफ के काम निपटा रहा है. वक्त निकालकर रिक्शा भी चला लेता है, ताकि खर्च पूरा हो सके. अस्पताल में काम के बदले राजू को स्टाफ और मरीजों से कुछ पैसा मिल जाता है. इस हादसे पर राजू की सफाई भी जान लीजिए. वह कहता है कि मैं तो ये काम बहुत दिनों से कर रहा हूं. यही कोई 15-20 साल से. डॉक्टर साहब एंटीबायोटिक देते हैं, तो लगा देता हूं. लावारिस लाश भी ले जाता हूं पोस्टमॉर्टम के लिए.

बच्चे की मौत पर इस शख्स की सफाई है कि उसे घाव था. इन्फेक्शन हो गया था. उसके चलते बुखार था. डॉक्टर साहब ने मुझे यहां भेजा तो मैंने इंजेक्शन लगाया. अब ये कौन महान डॉक्टर साहब हैं. इसका पता यूपी पुलिस लगाएगी. या शायद इतने मामूली काम में पुलिस खर्च नहीं की जा सकती.अपने नशे पर राजू की सफाई है कि कभी थोड़ा बहुत भांग तंबाकू पी लेते हैं. वह भी काम के बाद. पर नशा नहीं करते. खौफनाक है यह मक्कार तर्क.

स्वीपर भी कर चुका है इलाज

आजादी की पहली लड़ाई के नायक मंगल पांडे का शहर बलिया अपने विद्रोही तेवरों के लिए बागी बलिया के नाम से जाना जाता है. पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर का इलाका रहा है यह. मगर अब बलिया मेडिकल लापरवाही के चलते खबरों में आता है. रिक्शे वाले का डॉक्टर बनना अभी का हादसा है, मगर कुछ महीनों पहले यहां एक सफाई कर्मचारी ने भी डॉक्टर का चोला पहन लिया था. यह सफाई कर्मचारी इमरजेंसी में तैनात था और गाहे बगाहे मरीजों पर भी अपनी मेडिकल नॉलेज अपनाता रहता था.

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