स्मृति ईरानी मानव संसाधन विकास मंत्री बनने के बाद से सुर्खियों में रही हैं. आए दिन इस मंत्रालय और शिक्षण संस्थानों के बीच मतभेद की खबरें आती रहती हैं. अभी आईआईटी के डायरेक्टर के इस्तीफे को लेकर मचा बवाल थमा भी नहीं है कि अब मंत्रालय का एक और कदम सवालों के घेरे में आ गया है. डीयू और यूजीसी के अंदरुनी मामलों में स्मृति ईरानी के दखल का मतलब क्या है
अंग्रेजी अखबार द इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक स्मृति ईरानी ने दिल्ली विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर दिनेश सिंह पर लगे तीन आरोपों को लेकर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को चिट्ठी लिखी है. मानव संसाधन मंत्रालय ने अपनी चिट्ठी में आरोपों का जिक्र करते हुए वाइस चांसलर के तौर पर दिनेश सिंह की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए हैं और उनसे जवाब मांगने के लिए अर्जी दी है. आपको बता दें कि देश के केंद्रीय विश्वविद्यालयों के वीसी की नियुक्ति और निष्कासन का अधिकार राष्ट्रपति के पास होता है.
वैसे स्मृति ईरानी का यह कदम चौंकाने वाला है, क्योंकि बीच में ऐसी खबरें आई थीं कि दिनेश सिंह और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बीच नजदीकियां बढ़ रही हैं. मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से ही दिनेश सिंह के वाइस चांसलर पद पर बने रहने को लेकर संशय रहा है. चार साल के ग्रेजुएट प्रोग्राम को लेकर दिनेश सिंह और मंत्रालय के बीच खासी तनातनी देखने को मिली थी.
आपको बता दें कि दिल्ली यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन ने हाल ही में दिनेश सिंह पर आर्थिक और प्रशासनिक गड़बड़ियों के आरोप लगाते हुए श्वेत पत्र जारी किया था.