इस्तीफे से सकते में आई बीजेपी ने डैमेज कंट्रोल की कवायद शुरू कर दी है. पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह आडवाणी के घर पहुंचे हैं और उन्हें अपना इस्तीफा वापस देने के लिए मनाने में लगे हैं.
राजनाथ ने साफ किया कि मैं ये इस्तीफा स्वीकार नहीं कर सकता. आडवाणी के आवास पर पहुंची सुषमा स्वराज ने कहा कि मैं उनके फैसले से हैरान हूं. सुषमा के मुताबिक इतने बड़े फैसले से पहले हमें विश्वास में लिया जाना चाहिए था. सुषमा ने बार बार यही कहा कि मुझे कुछ मालूम नहीं है कि जो कुछ हुआ, क्यों हुआ. उन्होंने भरोसा जताया कि मैं आडवाणी जी को मना लूंगी.
आडवाणी के करीबी माने जाते वैंकेया नायडू, पार्टी महासचिव अनंत कुमार और प्रवक्ता मुख्तार अब्बास नकवी भी आडवाणी के निवास पर पहुंच चुके हैं. राजनाथ सिंह ने पार्टी नेताओं की बैठक बुलाई है. अटकलें लगाई जा रही हैं कि फिलहाल गांधीनगर में मौजूद गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी भी देर शाम तक दिल्ली पहुंच सकते हैं.
बीजेपी के नेताओं ने शुरुआती प्रतिक्रिया में यही उम्मीद जताई है कि आडवाणी अपना फैसला बदल लेंगे. उधर आडवाणी को कमोबेश चिढ़ाने के अंदाज में सुप्रीम कोर्ट वकील और पिछले दिनों ही बीजेपी से निकाले गए राम जेठमलानी ने कहा है कि आडवाणी को तो ये काम बहुत पहले कर देना चाहिए था.
एक दिन में ही हो गए पूजनीय
उधर कल तक मोदी के बगलगीर रहे बीजेपी के मीडिया प्रभारी श्रीकांत शर्मा ने आज पार्टी रुख में बड़े बदलाव को साफ कर दिया. आडवाणी पर बात करते हुए श्रीकांत बार बार पूजनीय शब्द का इस्तेमाल कर रहे थे. उन्होंने कहा कि ‘पूजनीय आडवाणी जी बीजेपी के पालक हैं. आज पार्टी जहां भी है, अटल जी और आडवाणी जी का उसमें बड़ा योगदान है. पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने विनती की है कि वे अपना फैसला बदला दें. कांग्रेस मुक्त भारत निर्माण के लिए सभी एकजुट होकर 2014 के चुनाव में सामने आएंगे. और बीजेपी को पूजनीय आडवाणी जी के आशीर्वाद की जरूरत है. हम आश्वस्त करते हैं कि पार्टी कार्यकर्ताओं पर आडवाणी जी का आशीर्वाद बना रहेगा. पार्टी को उनका मार्गदर्शन चाहिए.’
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