सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) के जमीनी हालात का जायजा लेने के मकसद से एक टीम गठित करने का फैसला किया है. एक दिन पहले ही छात्रों ने 'आकलन' की प्रक्रिया को लेकर संस्थान के निदेशक प्रशांत पथराबे का उनके कार्यालय में घेराव किया था.
यह जानकारी मिली है कि वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम पुणे का दौरा करेगी और संस्थान में जमीनी स्थिति का जायजा लेगी जहां छात्र 2008 बैच के अधूरे डिप्लोमा फिल्म प्रोजेक्ट के 'आकलन' का विरोध कर रहे हैं.
अभिनेता गजेंद्र चौहान को संस्थान के अध्यक्ष पद से हटाए जाने की मांग को लेकर छात्रों के आंदोलन के कारण एफटीआईआई में शैक्षणिक गतिविधि थमी हुई है.
एफटीआईआई छात्र संघ ने ' आकलन' को अनुचित करार दिया है, जबकि संस्थान प्रशासन का कहना है कि यह प्रक्रिया एफटीआईआई के लिए महत्वपूर्ण है. सूत्रों का कहना है कि एफटीआईआई प्रशासन इस बात को लेकर चिंतित रहा है कि 2008 बैच के कई छात्र अब भी उत्तीर्ण होकर संस्थान से बाहर नहीं निकले हैं. ऐसे में अधिकारियों ने कहा कि 2008 बैच के प्रोजेक्ट का आकलन किया जा रहा है. ऐसी चिंता रही है कि पूर्व के बैचों से ताजा बैचों पर असर पड़ रहा है.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, '26 अप्रैल, 2013 को तत्कालीन अध्यक्ष की अगुवाई वाले शैक्षणिक परिषद ने फैसला किया था कि फरवरी, 2014 में 2008
बैच का डिप्लोमा संबंधी आकलन किया जाना है.' सूत्रों ने कहा कि पिछले कुछ वषरें के दौरान आकलन और 2008 बैच के उत्तीर्ण होने के संदर्भ में कई
नोटिस दी गईं. उत्तीर्ण होने के बाद छात्रों को छात्रावास खाली करने थे.
इनपुट: भाषा