आपको जानकर हैरानी होगी कि पिछले एक साल में जिन टॉप रेस्टोरेंट्स पर पर्यावरण कानूनों के उल्लंघन का आरोप लगा है, उनमें केएफसी और कैफे कॉफी डे (CCD) जैसे नामी रेस्टोरेंट और कैफे भी शामिल हैं.
बंद नहीं होतीं यूनिट्स
इनसें से 90 फीसदी रेस्टोरेंट के खिलाफ कोई कार्रवाई ही नहीं हुई. जब भी दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमिटी (DPCC) ने ऐसी यूनिट्स को बंद करने के लिए कहा तो इसके लिए दिल्ली जल बोर्ड को पावर डिस्कॉम्स और इलाके के एसडीएम को बिजली-पानी की सप्लाई रोकने और रेस्टोरेंट बंद करने के लिए कहा गया. ये एजेंसियां और अधिकारी डिविजनल कमिश्नर को रिपोर्ट करते हैं.
90 फीसदी मामलों में कार्रवाई नहीं
सच्चाई यह है कि गंभीर उल्लंघनों के आरोपों के बावजूद पिछले 12 महीनों में इनमें से किसी एजेंसी या अधिकारी ने 90 फीसदी मामलों में कार्रवाई ही नहीं की. नतीजा यह है कि ये यूनिट्स अब भी धड़ल्ले से दिल्ली के पानी और हवा में जहर घोल रही हैं.
संजीव कुमार ने लिखा पत्र
DPCC के चेयरमैन संजीव कुमार ने प्रिंसिपल सेक्रेटरी (पावर), दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ और डिविजल कमिश्नर को तुरंत कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है.
KFC ने नहीं दिया जवाब
CCD ने दावा किया है कि उनकी कैफे चेन पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाती. हमारे सहयोगी अखबार 'मेल टुडे' की फोन कॉल्स, एसएमएस और ई-मेल्स के बावजूद केएफसी के जनसंपर्क अधिकारी इस मामले पर कोई औपचारिक बयान जारी करने को राजी नहीं हुए. हालांकि एक अधिकारी ने पत्र के जरिए जवाब देने का वायदा किया था, लेकिन उन्होंने जवाब भेजा नहीं.