यौन उत्पीड़न मामले में फंसे आरके पचौरी को 'द एनर्जी एंड रिसोर्सेस इंस्टियूट' (टेरी) की आंतरिक जांच में दोषी पाया गया है. वहीं, आरोप लगाने वाली रिसर्च एनालिस्ट को मामले में दोषमुक्त बताया गया है.
अंग्रेजी अखबार द इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक , आतंरिक शिकायत कमेटी में ये पाया गया कि पचौरी ने अपने पद का गलत इस्तेमाल किया. साथ ही पचौरी ने संस्थान की नीतियों का उल्लंघन करते हुए पीड़िता के साथ यौन उत्पीड़न किया. सूत्रों के मुताबिक, पचौरी को गलत व्यवहार का दोषी मानते हुए पीड़िता को हर्जाना देने की बात कही गई है. कमेटी ने पचौरी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की है.
याद रहे कि इस केस में 18 फरवरी को पचौरी के खिलाफ यौन उत्पीड़न समेत कई धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई थी. सूत्रों के मुताबिक, जांच कमिटी ने इस बात का भी खुलासा किया है कि जांच के दौरान टेरी के ही लोगों द्वारा उन पर दबाव बनाया जा रहा था.