बीजेपी और शिवसेना के बीच अभी सब कुछ ठीक नहीं है. काले धन के मुद्दे पर केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद शिवसेना ने भी चुटकी ली है. शिवसेना ने मोदी सरकार की ओर से सिर्फ तीन नाम बताए जाने की आलोचना की है. पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने केंद्र के कदम को 'चने कुरमुरा' जैसा बताया है.
उद्धव ठाकरे की पार्टी ने नसीहत दी है कि केंद्र को काला धन वापस लाने की शुरुआत स्वदेशी काले धन से करनी चाहिए. पार्टी के मुखपत्र 'सामना' की संपादकीय में उद्धव ने लिखा है कि केंद्र को अब एहसास हो रहा है कि काले धन के मुद्दे को संभालना कितना मुश्किल है. हालांकि उन्होंने यह भी लिखा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में इस मुद्दे को हल करने की क्षमता है.
केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने लिखा, 'तब (चुनाव से पहले) कालाधन विरोधी प्रचारकों का दावा था कि अगर विदेशी बैंकों में जमा सारा कालाधन स्वदेश में आ गया तो हिंदुस्तानियों के हर घर पर सोने के छप्पर चढ़ जाएंगे. अभी तक सरकार ने केवल तीन लोगों के नाम बताए हैं. यह देखते हुए पूरा मामला चने-कुरमुरे जैसा लगता है.'
शिवसेना प्रमुख ने लिखा है, 'गुजरात के व्यापारी पंकज लोढ़िया का वार्षिक कारोबार लगभग 80 करोड़ रुपये का है. सुना है कि उनके विदेशी बैंक के खाते में सिर्फ 50 करोड़ की राशि जमा है. यह अपने आप में बड़ा मजाक है.'
शिवसेना प्रमुख ने पूछा है कि काले धन के पीछे का सत्य क्या है. उन्होंने यह भी कहा है कि खुद चुनाव ही काले धन की गंगोत्री हैं. शिवसेना प्रमुख ने काले धन को दीमक की तरह बताया है. उन्होंने लिखा है कि झारखंड और छत्तीसगढ़ जैसे प्रदेशों के बाद अब महाराष्ट्र भी इसकी चपेट में आ गया है.