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देश के आर्थिक विकास में राज्यों की भूमिका महत्वपूर्ण: प्रणब

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देश के आर्थिक विकास में राज्यों की भूमिका महत्वपूर्ण बताते हुये शनिवार को कहा कि आर्थिक वृद्धि तब तक कोई मायने नहीं रखती जब तक उसका लाभ समाज के गरीब तबके तक नहीं पहुंचता है.

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राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देश के आर्थिक विकास में राज्यों की भूमिका महत्वपूर्ण बताते हुये शनिवार को कहा कि आर्थिक वृद्धि तब तक कोई मायने नहीं रखती जब तक उसका लाभ समाज के गरीब तबके तक नहीं पहुंचता है.

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प्रणब मुखर्जी शनिवार को पीएचडी वाणिज्य एवं उद्योग मंडल की 107वीं सालाना बैठक का उद्घाटन कर रहे थे. इस अवसर पर उद्योग मंडल ने उत्तर भारत के मुख्यमंत्रियों को आमंत्रित किया था. राष्ट्रपति ने कहा 'हम देश के लिये जिस उच्च आर्थिक वृद्धि को हासिल करना चाहते हैं उसके तब तक कोई मायने नहीं होंगे जब तक कि उसका वास्तविक लाभ समाज के गरीब तबके तक नहीं पहुंचता है.' उन्होंने कहा कि जब देश की 30 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा से नीचे रह रही हो और 26 प्रतिशत आबादी अशिक्षित हो, समावेशी विकास की बात केवल एक नारा नहीं बल्कि यह जरुरी लक्ष्य होना चाहिये.

राष्ट्रपति ने कहा कि बड़ी अर्थव्यवस्था वाले राज्य देश के समूचे विकास में अहम भूमिका निभाते हैं. 'महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और गुजरात जैसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले राज्यों का देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में करीब 50 प्रतिशत योगदान है. पीएचडी मंडल के इस सम्मेलन में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री डा. प्रेमकुमार धूमल और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा उपस्थित थे. बिहार का प्रतिनिधित्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने किया. प्रणब मुखर्जी ने कहा कि इन पांच राज्यों में हालांकि, एक ही राज्य उत्तर भारत से है लेकिन उत्तर भारत के राज्यों का देश के कुल जीडीपी में 21.4 प्रतिशत योगदान है.

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उन्होंने कहा कि बड़ी अर्थव्यवस्था वाले इन राज्यों में केवल महाराष्ट्र और गुजरात हैं जिन्होंने 2011-12 में आठ प्रतिशत से अधिक वृद्धि हासिल की है. हालांकि इन राज्यों की यह वृद्धि पिछले दो साल के मुकाबले कम रही है. उत्तरी राज्यों में उत्तर प्रदेश और पंजाब की वृद्धि इस दौरान राष्ट्रीय औसत से कम रही. राष्ट्रपति ने कहा कि दिल्ली, मध्यप्रदेश, बिहार और छत्तीसगढ़ ने 2011-12 में 10 प्रतिशत से अधिक वृद्धि हासिल की. वैश्विक और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में जारी गिरावट को देखते हुये यह अच्छी सफलता है. उन्होंने उम्मीद जताई कि ये राज्य इसी रफ्तार से आगे बढ़ते रहेंगे और दूसरे राज्य भी उनका अनुसरण करेंगे.

प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक वृद्धि में आई गिरावट को फिर से तेज करने के लिये सामूहिक प्रयास की जरूरत बताई और इसे 8 से 9 प्रतिशत की उंचाई पर पहुंचाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा आर्थिक वृद्धि पूंजी के बेहतर इस्तेमाल और निवेश दर पर निर्भर करती है. हाल के वर्षों में निवेश दर कम हुई है. इसके लिये बेहतर माहौल बनाने की आवश्यकता है. उन्होंने आर्थिक वृद्धि में विनिर्माण क्षेत्र की भी अहम भूमिका बताई.

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