आसाराम जेल में झल्ला रहा है और उसके इंदौर आश्रम में एक खास तैयारी चल रही है. उसके सेवक फोन नंबरों की एक लंबी लिस्ट लिए एक कमरे में जमा हैं और सबको फोन करके शहर में होने वाली रैली का बुलावा दे रहे हैं. गुरुवार को इंदौर में राजवाड़ा चौराहा से कलेक्टर ऑफिस तक आसाराम समर्थक 'मौन रैली' करने वाले हैं. उन्हें उम्मीद है कि रैली में 5000 लोग जुटेंगे. हालांकि रैली के लिए पुलिस से इजाजत नहीं ली गई है.
खास बात है कि इस रैली के लिए 16 साल की पीड़िता के खिलाफ पर्चे छपवाए गए हैं. मामला अदालत में विचाराधीन है, पर आसाराम समर्थकों ने टिप्पणियां करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी है. आसाराम के सेवक घर-घर जाकर ये पर्चे बांट रहे हैं और समर्थन मांग रहे हैं. आपको बताते हैं कि क्या लिखा है इस पर्चे में.
हेडिंग में लिखा है, 'क्या है सच्चाई' और उसके आगे लिखे हैं ये पॉइंट.
1. आरोप दरअसल लड़की के यौन शोषण का है, लेकिन रेप की अफवाह फैलाई जा रही है. मेडिकल रिपोर्ट भी ऐसा कहती है. जोधपुर पुलिस ने भी माना है कि दिल्ली पुलिस ने गलत तरीके से केस रजिस्टर किया.
2. लड़की का परिवार घटना के पांच दिन बाद केस दर्ज कराने क्यों पहुंचा? (पर्चे पर यह बात छपवाते हुए आसाराम समर्थक शायद यह भूल गए कि कोर्ट ने मौजूदा माहौल में महिलाओं को यह छूट दी है कि वह ऐसी घटनाओं की रपट लिखवाने कभी भी सामने आ सकती हैं.)
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3. लड़की शाहजहांपुर से है, फिर उसने दिल्ली में ही केस क्यों दर्ज कराया? (जबकि सच यह है कि दिल्ली गैंगरेप मामले के बाद कोई भी पीड़िता नजदीक के पुलिस स्टेशन में शिकायत कर सकती है. मामले को संबंधित पुलिस स्टेशन में ट्रांसफर कर दिया जाएगा. )
4. घटनास्थल बताई जा रही जगह से कुटिया का गेट 50-60 फीट दूर है. अगर भीतर कोई 6 साल की बच्ची भी चिल्लाएगी तो उसकी आवाज 500 फीट तक पहुंचेगी. लड़की ने एफआईआर में लिखवाया है कि घटना के दौरान वह चिल्लाती रही. फिर उसके माता-पिता को उसकी आवाज क्यों नहीं सुनाई दी?
5. लड़की ने दावा किया है कि बापू ने उसका मुंह ढंका और उसके पूरे शरीर पर डेढ़ घंटे तक हाथ फिराते रहे. ये दोनों काम एक साथ कैसे किए जा सकते हैं. उसके चेहरे पर बल प्रयोग किए जाने का कोई सबूत नहीं है.
इस पर्चे में और भी टिप्पणियां और दलीलें हैं. साथ में आसाराम के समर्थन में आए वीएचपी नेता अशोक सिंघल, बाबा रामदेव, निरंजनी अखाड़ा के मुखिया ब्राह्मीकुमार स्वामी, बीजेपी नेता उमा भारती और सुब्रहमण्यम स्वामी के बयान भी छापे गए हैं.